उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते मीट बिक्री में भारी गिरावट, फेंकने को है मजबूर


उत्तर प्रदेश(झूंसी):- कोरोना वायरस की दहशत ने मुर्गे के कारोबार को तगड़ी चोट पहुंचाई है। लोग मांसाहार खाने से बच रहे हैं जिसकी वजह से मुर्गे का रेट लगातार गिरता जा रहा है। जिससे पोल्ट्री फॉर्म संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालत ये है कि क्षेत्र में इन दिनों मुर्गे का रेट कद्दू, बैगन से भी कम हो गया है।


अभी तक मांसाहार खाने से कोरना वायरस फैलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अफवाहों की वजह से लोग नॉनवेज खाने से परहेज कर रहे हैं। जिसकी वजह से मुर्गे के कारोबार को काफी झटका लगा है। शुक्रवार को मुर्गे का थोक रेट 24-25 रुपये प्रति किलो पर आ गया। 15 सालों से पोल्ट्री फॉर्म चल रहे कोटवां के लालबाबू यादव ने बताया कि मुर्गे का इतना कम रेट कभी नहीं हुआ।


राजकुमार सिंह ने बताया कि मुर्गे का रेट गिरने की वजह से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। 30 रुपये का चूजा खरीदा गया था लेकिन अब तैयार होने के बाद 24 से 25 रुपये में बिक रहा है।


कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए सड़क पर खुले में मीट, मछली व फलों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शुक्रवार को डीएम ने इस संबंध में एडीएम सिटी व नगरायुक्त को निर्देश दिए। अलीगढ़ के डीएम चंद्र भूषण सिंह ने जनहित में कोरोना वायरस से बचाव के लिए शहर में खुले में मीट, मुर्गा, मछली, कटे फल आदि के विक्रय को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एफडीए के अधिकारियों की टीम बनाकर खुले में बेचे जा रहे कटे फल, मीट, मुर्गा, मछली आदि को तत्काल प्रतिबंधित करने को कहा। यदि मीट का विक्रय किया जाना आवश्यक है तो सुरक्षा के उपायों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


रिपोर्टर:- संजय कुमार