गन्ना पर्ची कैलेंडर का अनुपालन नहीं, मनमाने तरीके से भेजी जा रही है गन्ने की पर्चियां


उत्तर प्रदेश(बरेली):- उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार यूं तो भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है किंतु उसके बावजूद भी किसानों व आम जनता का शोषण रुकते दिखाई नहीं दे रहा है। ताजा मामला मीरगंज की डीएसएम शुगर मिल से संबंधित है जहाँ शुगर मिल ने किसानों को गन्ना की पर्चियाँ आवंटन हेतु नियमानुसार कैलेंडर बनाया है और उसे वेबसाइट पर जारी भी किया है किंतु इस सब के बावजूद भी यह कैलेंडर केवल एक दिखावा मात्र ही साबित हो रहा है और आम किसानों की पर्चियां जारी न कर गन्ना माफियाओं की पर्चियां लगातार नियम के विपरीत भी भेजी जा रही हैं जिससे आम किसान त्रस्त है और गन्ना माफियाओं की बल्ले-बल्ले हो रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डीएसएम शुगर मिल के मनकरी सेंटर पर आवंटित गांव टीहर खेड़ा के कृषक कैलाश बाबू का आरोप है कि गन्ना पर्ची कैलेंडर के अनुसार आठवीं फोर नाइट के दसवें कालम तक की पर्चियाँ होली से पहले ही जारी कर दी गई हैं, जबकि उनकी छटवीं फोर नाइट के चौथे कालम की पर्ची अभी तक जारी नहीं हो पाई हैं। यह पीड़ा अकेले कैलाश बाबू की नहीं बल्कि क्षेत्र के अनेकों किसानों की है। इस संबंध में सहकारी गन्ना समिति सचिव राजेश कुमार प्रजापति से बात करने पर उन्होंने बताया कि कुछ किसानों की एक भी पर्ची अभी तक न आने के कारण उनकी कुछ पर्चियां कैलेंडर से इतर भी जारी की गई हैं किंतु वास्तव में ऐसे कई किसान हैं जिनकी एक भी पर्ची न आने के बाद भी उनकी पर्चियां जारी नहीं हुई हैं। दरअसल ये खेल केवल गन्ना माफियाओं व दलालों की सुविधा के लिए ही खेला जा रहा है ताकि आम किसान इन गन्ना माफियाओं को औने पौने दर पर गन्ना बेचने को मजबूर हो सके।


"गन्ना पर्चियाँ यदि कैलेंडर के अनुसार जारी न करके इसमें धांधली बरती जा रही है तो इस संबंध में गन्ना सहकारी समिति के सचिव से बात कर अनियमितताओं को दूर कराऊंगा और दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी"
      राजेश चंद्र एसडीएम मीरगंज


बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव