एमपी में सियासी घमासान के बीच भाजपा-कांग्रेस में किसका पलडा भारी, जानिए ताजा हालात


मध्य प्रदेश(भोपाल):- जिन विधायकों की बीते एक साल से न मंत्री सुन रहे थे और न अफसर, बीते चार दिन की सियासी सरगर्मी में अब वे खुद ‘सरकार’ बन गए हैं। उनकी खूब मान-मनौव्वल हो रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को लगभग सभी विधायकों से बातचीत की। दो विधायकों बिसाहूलाल सिंह और रघुराज कंसाना से बात नहीं हो पाई। एक दिन पहले इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक हरदीप डंग से भी संपर्क हो गया है। बेंगलुरू में मौजूद चार विधायकों में निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की वापसी होने वाली है। तीन अन्य बिसाहू, रघुराज और डंग के शनिवार को भोपाल लौटने की खबरें हैं। भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया भी बेंगलुरू में इन चारों से संपर्क में हैं। दूसरी तरफ, भाजपा ने अपने सभी विधायकों के फोन सर्विलांस पर ले लिए हैं।


इधर, दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर पर शुक्रवार को भी भाजपा नेता जुटे। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्ढा के प्रतिनिधि के तौर पर धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, प्रहलाद पटेल और नरोत्तम मिश्रा शामिल हुए। माना जा रहा है कि बजट सत्र से पहले कांग्रेस विधायकों की नाराजगी का बड़ा फायदा भाजपा उठा सकती है।


भोपाल में कमलनाथ और दिग्विजय ने मंत्रिमंडल में नाराज विधायकों को जगह देने का फॉर्मूला तैयार किया है। इसके लिए कुछ भरोसेमंद मंत्रियों से इस्तीफे लिए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा से भी वैधानिक पहलुओं को लेकर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक दिग्विजय ने बजट बाद मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए हैं। दूसरी ओर भोपाल में यादव समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में राजनीतिक व्यक्ति बिकाऊ नहीं है। हम सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं। नारायण त्रिपाठी और शरद कोल के कांग्रेस का साथ देने की अटकलों के बीच केंद्रीय संगठन के निर्देश पर भाजपा अपनी किलेबंदी पर भी पूरा ध्यान दे रही है। इसी के मद्देनजर भाजपा ने संभागवार बड़े नेताओं को यह जिम्मा दिया है कि वे रोजाना अपने क्षेत्र के विधायकों से फोन पर बात करें। ऐसा दिन में तीन-चार बार किया जाए। संगठन मंत्री और जिलाध्यक्षों से भी कहा गया है कि सभी पर अप्रत्यक्ष रूप से निगरानी रखें। जैसे ही किसी के फोन बंद होने या कहीं आने-जाने की खबर मिले, उसे शिवराज सिंह और नरोत्तम मिश्रा को बताना है। विधायकों को साधने दोनों दलों में ऑडियो-वीडियो को सहेजने की कोशिशें जारी हैं। बताया जा रहा है कि इनका इस्तेमाल दोनों दल विधायकों को साधने के लिए कर सकते हैं।


रिपोर्टर:- संजय कुमार