एक लाख से ज्यादा शिक्षामित्रों की होली हो सकती है बदरंग


उत्तर प्रदेश(लखनऊ):- प्रदेश में कुल 1 लाख 62 हजार शिक्षामित्र हैं। इन्हें हर महीने दस हजार रूपये मानदेय के मिलते हैं। महीना खत्म होने के बाद मानदेय अकाउंट में आ जाता है लेकिन, पिछले दो महीने से मानदेय नहीं मिला है। त्यौहार से पहले कड़की बहुत बड़ी मुसीबत होती है। प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई का काम संभालने वाले शिक्षामित्रों के हालात भी इन दिनों ऐसे ही हैं। होली सिर पर है लेकिन, अकाउंट बैलेंस जीरो। प्रदेश के एक लाख 62 हजार शिक्षामित्रों को पिछले दो महीने से मानदेय नहीं मिला है। सभी परेशान हैं कि अब होली कैसे मनेगी।


दस हजार रूपये मिलता है मानदेय
प्रदेश में कुल 1 लाख 62 हजार शिक्षामित्र हैं. इन्हें हर महीने दस हजार रूपये मानदेय के मिलते हैं। महीना खत्म होने के बाद मानदेय अकाउंट में आ जाता है लेकिन, पिछले दो महीने से मानदेय नहीं मिला है। जनवरी और फरवरी के मानदेय को मिलाकर कुल 20 हजार रूपये शिक्षामित्रों को मिलने चाहिए लेकिन, इस साल अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। होली के त्यौहार में अब एक हफ्ते से भी कम समय बचा है लेकिन, शिक्षमित्रों पर कड़की हावी है। ऐसे में होली काली न हो जाये इसकी चिन्ता खाये जा रही है।


शिक्षामित्रों ने कही ये बात
बरेली के फतेहगंज पश्चिमी व आंवला में तैनात शिक्षामित्र कौशल कुमार सिंह व कपिल यादव ने मीडिया को बताया कि उन्होंने इस बारे में अधिकारियों से लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी तक बातचीत की लेकिन, किसी ने भी भुगतान में देरी पर कोई सफाई नहीं दी। उन्होंने ये भी कहा कि मानदेय भुगतान के लिए डीजी स्कूली शिक्षा विजय किरण आनन्द को चिट्ठी भी लिखी गयी है। मीरगंज में तैनात शिक्षामित्र कुमुद केशव पांडे ने बताया कि इसी बार इतनी देरी हो रही है। वैसे अमूमन अप्रैल के मानदेय मिलने में थोड़ा विलंब जरूर हो जाता था लेकिन, जनवरी और फरवरी के मानदेय मिलने में कभी देरी नहीं होती थी। उन्होंने बताया कि बच्चों के नये कपड़े होली पर बनेंगे या नहीं भगवान ही मालिक है। भोजीपुरा में तैनात शिक्षामित्र अनिल गंगवार ने बताया कि कपड़े तो छोड़िये भोजन के लाले पड़ गये हैं। पिछले महीनों में जो कुछ सेव किया था वह दो महीने में खत्म हो गया। अब त्यौहार पर बिना उधार लिये काम नहीं चलना।


डीजी ने दिया भुगतान का भरोसा
लेकिन, शिक्षामित्रों की ये चिन्ता अगले दो तीन दिनों में दूर हो सकती है। इस मामले में डीजी स्कूली शिक्षा विजय किरण आनन्द से मीडिया से बातचीत की। उन्होंने स्वीकार किया कि मानदेय मिलने में देरी हुई है। विजय किरण ने बताया कि भारत सरकार से पैसा आने में देरी की वजह से ऐसा हुआ लेकिन, अब केन्द्र सरकार से फंड मिल गया है और वित्त विभाग जल्द ही इसे जिलों को जारी करेगा. डीजी ने मीडिया को भरोसा दिया है कि हर हाल में होली से पहले शिक्षामित्रों के खाते में बकाया मानदेय के बीस हजार रूपये पहुंच जायेंगे।


यूपी में इतने शिक्षामित्र तैनात
बता दें कि पूरे प्रदेश में 1 लाख 62 हजार शिक्षामित्र हैं। इनमें से लगभग 23 हजार बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन हैं जबकि 1 लाख 39 हजार सर्व शिक्षा अभियान के अधीन हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत रखे गये शिक्षामित्रों को केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के मद से मानदेय मिलता है। केन्द्र का हिस्सा 65 फीसदी जबकि राज्य का हिस्सा बाकी बचा 35 फीसदी होता है। केन्द्र सरकार से फंड मिलने में देरी की वजह से ये भुगतान रूका है।।


बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव