बेहतर इलाज दे रहा है सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी- कुलपति


अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं कुलपति


उत्तर प्रदेश (इटावा):- सैफई उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजकुमार ने विश्वविद्यालय के इमर्जेंसी ट्रामा एवं वर्न सेन्टर तथा पुराने इमर्जेंसी ब्लाक के विभिन्न वार्डों जिसमें इमर्जेंसी वार्ड, आर्थो वार्ड, मेडिकल आईसीयू, स्त्री एवं प्रसूति रोग वार्ड, डायलिसिस का गहन निरीक्षण किया तथा उपलब्ध दवाओं एवं जरूरी उपकरणों के सम्बन्ध में सम्बन्धित चिकित्सा अधिकारी एवं नर्सिंग वार्ड प्रभारी से बात की। इस दौरान इमर्जेंसी वार्ड एवं अन्य वार्डों में जरूरी दवाओं एवं उपकरणों की आकस्मिक जाॅच में सभी जरूरी दवायें एवं उपकरण पूरे मिले। डायलिसिस तथा मेडिसिन आईसीयू में भर्ती मरीजों के लगभग 30 तीमारदारों (परिजनों) से कुलपति प्रो0 राजकुमार ने डायलिसिस एवं आईसीयू में दी जारी सुविधाओं, दवाओं तथा भोजन के सम्बन्ध में बात की। तीमारदारों (परिजनों) ने कुलपति को बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही दवाओं तथा चिकित्सकीय एवं अन्य सुविधाओं बेहतरीन हैं। निरीक्षण के दौरान कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार के साथ चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी उमाशंकर के अलावा विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।


निरीक्षण के बाद बात करते हुए कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में जरूरी सभी सामान्य एवं जीवन रक्षक दवायें लगभग 95 प्रतिशत तक उपलब्ध हैं। इसके अलावा यदि किसी प्रकार की आकस्मिक दवा की आवश्यकता हो तो उसके लिए चिकित्सा अधीक्षक एक लाख तक की जरूरी दवायें खरीदने हेतु अधिकृत हैं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में कुछ अराजक तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय में दवायें उपलब्ध न होने तथा ठीक तरह से इलाज न होने की अफवाह फैलाई जा रही हैं। जो कतई ठीक नहीं है। भविष्य में अस्पताल प्रशासन ऐसे अफवाह फैलाने वालों से कडाई से निपटेगा। वर्तमान में चिकित्सक पूरे मनोयोग से बेहतर इलाज के लिए तत्पर हैं। इसका प्रमाण पिछले महीने गंभीर बीमारियों से ग्रसित मात्र 3 से 4 मरीजों की मृत्यु से स्पष्ट है। पहले यह मृत्यु दर 20 से 30 हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अधिकांशतः बाहर के अस्पतालों से रेफर मरीज तथा रोड एक्सिडेंट के मरीज आते हैं।जिनकी स्थित काफी गंभीर होती है। इन मरीजों के इलाज में बेहद तत्परता की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से गंभीर मरीजों की मृत्यु दर में व्यापक कमी आयी है। 


कुलपति निरीक्षण की मुख्य बातें। इमर्जेंसी एवं अन्य वार्डों में जरूरी 95 प्रतिशत तक जरूरी एवं जीवन रक्षक दवायें उपलब्ध। चिकित्सा अधीक्षक अपने स्तर से एक लाख तक की जरूरी दवायें खरीदने हेतु अधीकृत। गंभीर मरीजों की मृत्यु दर में खासी गिरावट। गलत अफवाह फैलाने वालों से कड़ाई से निपटेगा अस्पताल प्रशासन। ऐकेडमिक गतिविधियों को बढ़ाया जायेगा।


इटावा ब्यूरो:- सुबोध कुमार पाठक