शिव विवाह उत्सव का प्रसंग सुनाया, 21 को होगा समापन


बरेली:- नैमिष धाम सीतापुर से आए कथाव्यास आचार्य अवध किशोर ने कहा कि बिगड़े काम ईश्वर के अतिरिक्त कोई नहीं बना सकता है। इसलिए कल्याण के लिए ईश्वर की शरण में जाना ही श्रेयस्कर है। कथाव्यास ग्राम खिरका जगतपुर में चल रही नौदिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के छठे दिन मंगलवार सायं संगीतमय कथा प्रसंगों की रस वर्षा कर रहे थे। बताया-देव कार्य के लिए महादेव की महा समाधि भंग करने का संकल्प लेने वाले कामदेव को अपने अंत का पूर्वाभास हो चुका था लेकिन सबकी भलाई के लिए कामदेव ने  महादेव की समाधि तोड़ने का संकल्प ले ही लिया। समाधि भंग होने पर भूतभावन शिवशंकर ने क्रोध में तीसरा आग्नेय नेत्र खोला तो कामदेव तुरंत ही भस्म हो गये। पति की मृत्यु से शोकाकुल रति को धैर्य बंधाते हुए भगवान विष्णु ने आशीर्वाद दिया कि तुम्हारा पति द्वापर युग में मेरे पुत्र अनिरुद्ध के रूप में जो जन्म लेगा और तुम उसकी पत्नी उषा बनकर पुनः दांपत्य सुख भोग सकोगी। कथाव्यास ने पार्वती-शिव विवाह और कई अन्य प्रेरणादायी प्रसंग सुनाकर भक्तजनों को खूब आनंदित किया। अनुष्ठान को सफल बनाने में मुख्य यजमान पूर्व प्रधान कृष्ण पाल गंगवार, परीक्षित दीपचंद, कन्हईलाल, संदीप, भगवान दास, कल्लू बाज और बहुत सी महिलाओं समेत सभी ग्रामवासी सहयोग कर रहे हैं। 21फरवरी की सायं महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर कथा स्थल पर सभी महिला-पुरुष फूलों की होली खेलकर नौ दिवसीय अनुष्ठान को विश्राम देंगे।।


बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव