राजा जुगेन्द्र प्रताप सिंह जूदेव द्वारा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए विश्वमहा अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन करने की घोषणा


उत्तर प्रदेश(इटावा):- जिला इटावा के जसवंतनगर क्षेत्र में आधुनिकता की चकाचौंध में हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों को दरकिनार नहीं करना चाहिए। आज के समय में हम शिष्टाचार, नैतिकता को भूलते जा रहे हैं। यह बात प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने विश्व महायज्ञ अश्वमेध की घोषणा व राज्यभिषेक आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि के रूप में शामिल होने के दौरान कही। 


ग्राम सिरहौल में कार्यक्रम सयोंजक राजा जुगेन्द्र प्रताप सिंह जूदेव द्वारा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए विश्वमहा अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन करने की घोषणा व राज्यभिषेक  कार्यक्रम में 21 फरवरी से यज्ञ शुरू होगा और 21 नबंवर अश्व पूजन होगा। इसमें शामिल हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व क्षेत्रीय विधायक शिवपाल सिंह यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि राजा जूदेव द्वारा किया जा रहा कार्यक्रम की जितनी सरहाना की जाए कम है ये पुराने व सामाजिक परम्पराएं है इन्हें आजके लोग ये सब भूलते जा रहे है इस लिए देश व समाज मे विभिन्न दुश्वारियां सामने आ रही है। जीवन मे शिष्टाचार व नैतिकता हमारे जीवन में बहुत अहम चीजें हैं। किसी भी विषय को ले लें, हम अपनी युवा पीढ़ी पर पूरा दोष डाल कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। सवाल यह नहीं कि आज की युवा पीढ़ी में नैतिकता व शिष्टाचार की कमी हो रही है। क्या सारी गलती युवा पीढ़ी की ही है। मुझे नहीं लगता कि आज की युवा पीढ़ी सौ प्रतिशत गलत है। आज उनमें संस्कारों की कमी अगर हो रही है तो उसकी वजह सिर्फ और सिर्फ हम ही हैं। क्यों हम उनमें संस्कार नैतिकता शिष्टाचार नहीं भर पा रहे हैं। यह एक सोचने का विषय है। बच्चों का अनैतिक होना हमारी कमजोरी है। हम बच्चों को जिस प्रकार के संस्कार व शिक्षा देंगे उसी राह पर वह आगे बढ़ता है। छोटी अवस्था में बच्चों को संस्कारित करने में माता-पिता, दादा-दादी व बुजुर्गो का बड़ा हाथ होता था। कहानियां भी प्रेरणादायी होती थीं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राम प्रताप सिंह ने की। इस मौके पर पूर्व मंत्री केपी सिंह चौहान, ब्लाक प्रमुख अनुज मोंटी यादव, ठा. अजेंद्र सिंह गौर, ज्ञानेंद्र सिंह, पुष्पेंद्र तोमर, सुभाष गुप्त, खन्ना यादव, गोपाल गुप्त सहित अनेक गदमान्य मौजूद रहे संचालन अमोल सिंह ने किया।








इटावा ब्यूरो:- सुबोध पाठक