इटावा:- जसवंतनगर, चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात" यह कहावत इन दिनों बलरई के नगला तौर पंचायत में चरितार्थ हो रही है। क्षेत्र के गांवो की गलियों को रोशन करने के लिए लाखो रुपये खर्च कर लगाई गई सौर ऊर्जा की लाइटें चंद दिनों में ही बंद हो गई। जिससे ग्राम अंधकार में डूबे रहते हैं। पंचायत नगला तौर के ज्यादातर गांवों में सौर ऊर्जा की लाइटों की यही स्थिति बनी हुई है। इस कारगुजारियों की ग्रामीण चर्चाएं कर रहे हैं। करीब एक वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत ने लाखों रूपए खर्च कर लाइटें तो लगवा दी, लेकिन उनकी रोशनी ज्यादा दिन नहीं फैल सकी। गारंटी अवधि में ही लाइटें खराब होने के बावजूद इन्हें सुधारने वाला कोई नहीं मिल रहा। ऎसे में ग्रामीणों को अंधेरी गलियों से गुजरना मजबूरी बना हुआ है। जिससे अपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।
50 से अधिक जगहों पर 6 माह में बत्ती गुल
ग्राम पंचायत द्वारा ग्रामो में लगाई गई आधा सैंकडा से अधिक सोेलर लाइटों में से लगभग दो दर्जन से अधिक बंद पड़ी है। ग्राम पंचायत ने करीब एक वर्ष पहले लाखों रूपए खर्च करके नगला तौर के सरामई, लुंगगे की मडैया, कछपुरा, पूंछरी, घुरहा, जाखन, कीरतपुर, खूवे की मडैया में
जरूरती स्थानों पर सौर ऊर्जा लाइटें लगाई थी। कुछ समय तो इन लाइटों से रोशनी हुई, लेकिन 6 माह बाद ही यह जवाब दे गई। इन्हें दुबारा चालू कराने कोई इंतजाम नहीं होने से लाइटें अब शोपीस बनकर रह गई है। ग्राम पंचायत के ग्रामीणों राम अवतार, अंगद सिंह, मनोज कुमार, राजीव , सिंटू आदि ने बताया कि लाइटों की वारंटी होने के बावजूद खराब लाइटों को ठीक करने के लिए सम्बंधितों को कहा है, लेकिन वह ध्यान नहीं दे रहे। ग्रामीणों ने बताया कि बंद पड़ी लाइटों को चालू करने के लिए प्रधान एवं ग्राम सचिव से भी आग्रह किया है।
ये कैसी गारंटी?
ग्राम पंचायतों में एक लाइट लगाने के लिए लगभग 20 हजार रूपए से अधिक का खर्चा हुआ है। कुछ पंचायतों में इससे अधिक भी भुगतान किया गया है। इन लाइटों की 2 से 3 वर्ष तक की गारंटी बताई गई है। सौर ऊर्जा की लाइटें खराब होने की सूचना सम्बंधितों को भिजवाई इसे सुधारने के लिए भी कहा जा रहा है, लेकिन बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है। ऎसे में कई माह से यह लाइटें बंद पड़ी है।
जिम्मेदार बोले
इस मामले में ग्राम सचिव बसुंधरा शर्मा ने बताया कि कुछ लाइटें तकनीकी खराबी से बंद हो गई हैं। सम्बंधित ठेकेदार से लाइटों को ठीक करने के लिए बोल दिया है, जो शीघ्र ठीक करवाई जाएगी में अभी दिल्ली में हूँ आकर देखती हूँ क्या कर सकती हूं।
इटावा ब्यूरो:- सुबोध पाठक