एसमजीआई में त्रैमासिक योग प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन सम्पन्न, जाने क्या था विशेष


इटावा:- उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित त्रैमासिक योग प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन आज विवेकानंद इंस्टीट्यूशन ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी इटावा* में हुआ । उद्घाटन सत्र में सबसे पहले वाग्देवी वीणापाणी मां सरस्वती की आराधना स्तुति से कार्यक्रम की शुरुवात हुई। ततपश्चात सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर व प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया गया । संस्था के चेयरमैन विवेक यादव ने मुख्य अतिथि का स्वागत करने के साथ ही योग शिविर में शिक्षक प्रशिक्षक बनने जा रहे सभी विद्यार्थियों व प्रशिक्षुओं को हार्दिक बधाई दी। व उन्होंने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि,स्वस्थ शरीर ही हमारी असली पूंजी भी है जिसे योग के माध्यम से ही भविष्य में सुरक्षित रखा जा सकता है । आज हमारी भारतीय योग विद्या वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति का ध्वज दुनियाँ भर में फहरा रही है।


मुख्य अतिथि के रूप में पधारे विनय जी जिला संघ प्रचारक ने कहा कि,
योग में मुख्य 2 विद्याएँ है यम व नियम जिनका पालन करना बेहद आवश्यक है। प्राणायाम का मतलब अपनी श्वांस पर नियंत्रण रखना है। ध्यान का मतलब है अपनी कर्म कृतज्ञता में खो जाना। मात्र योग विद्या में ही वह अद्वितीय शक्ति है जिससे आप अपने शरीर को अपनी अंतरात्मा व श्वांस से आसानी से जोड़ सकते है।


कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे एसपी सिटी डॉ रामयश सिंह ने कहा कि, चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। जैसे ब्रह्मांड का मतलब भी अनंत है वैसे ही हमारी योग की शक्ति भी अनंत है। योग का मतलब जोड़ना  होता है एवं हमारा मन एक सूक्ष्म शरीर है व शरीर एक स्थूल मन है दौनो आपस मे जुड़े है बस उनमें हमे सामंजस्य बिठाना होता है।


पतंजलि दर्शन में कहा गया है की मन की समस्त वृत्तियों को समझना ही योग है। भगवद गीता भी यह कहती है कि, योगा कर्मस्य कौशलम अर्थात कर्मो में कुशलता पा लेना ही योग है। जिन तत्वों से हम बने है जब हम उन चीजों से मन से जुड़ जाते है यही योग है। 


विशिष्ट अतिथि डॉ राजेश त्रिपाठी ने कहा कि,आरोग्यम परम सुखम अर्थात निरोग रहना ही परम सुख है, यदि आपके मन मे ध्यान की शक्ति है तो आप जीवन मे बहुत आगे जाएंगे।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ कुश चतुर्वेदी ने कहा कि सभी विद्यालय माँ सरस्वती के साधना स्थल हैं इनमें योग का अध्याय जुड़ना माँ सरस्वती का ही आशीर्वाद है। योग हमारी प्राचीन संस्कृति है और श्वांस नियंत्रण एक कठिन तपस्या है जिसका नाम ही योग है।


योग प्रशिक्षक अमित मिश्रा ने कहा कि, सभी प्रशिक्षार्थी मन लगाकर योगाभ्यास करें व आगे जाकर एक अच्छे प्रशिक्षक बने ऐसी मेरी शुभकामनाएं है।


जिला संयोजिका व असि0 प्रोफेसर सीमा तिवारी ने बताया कि,इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिविर में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को त्रैमासिक योग प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरांत एक प्रशिक्षण प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा एवं समय आने पर भविष्य में नियमानुसार उन्हें योग प्रशिक्षक के पद पर नियुक्ति व 15 हजार रुपये प्रति माह मानदेय भी दिया जायेगा। जिला संयोजक व डिप्टी रजिस्ट्रार एसमजीआई इटावा विनय चौबे ने कहा कि, यह कार्यक्रम माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के दिशा निर्देशन में योग शिक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में संचालित किया जा रहा है।


कार्यक्रम में सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ मुकेश यादव, एसमजीआई के चेयरमैन विवेक यादव, डॉ आर के त्रिपाठी विभागाध्यक्ष कृषि एनडी कालेज शिकोहाबाद, डॉ पद्मा त्रिपाठी प्रोफेसर के के कालेज इटावा ,सारस्वत अतिथि के रूप में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डॉ निर्मल चन्द्र वाजपेई व योग प्रशिक्षक अमित मिश्रा, डॉ उमाशंकर शर्मा निदेशक एसएमजीआई, डॉ आर एन कटियार निदेशक आई बी एम कानपुर विश्विद्यालय, हिमांशु तिवारी ,भाजपा नेता गगन चतुर्वेदी, संजीव यादव, रामू जी नगर प्रचारक, सुनीता डुडेजा, रजत कश्यप, अनिल सिंह,अरविंद सिंह,नीतू सिंह,निधि सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम व्यवस्थापक डॉ आशीष त्रिपाठी रहे।


कार्यक्रम के अंत मे जिला संयोजिका सीमा तिवारी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। मंच सञ्चालन संस्कृत के विद्वान व प्राचार्य डॉ आनंद दीक्षित ने किया। 


इटावा ब्यूरो:- डॉ आशीष त्रिपाठी