चौतरफा चुनौतियों के बावजूद उज्ज्वल है भारत का भविष्य, व्यासपीठ ही दिग्भ्रमित तो देश मे बढ़ेगा अनाचार


उत्तर प्रदेश(बरेली):- नगर-नगर, गाँव-गाँव धार्मिक अनुष्ठान बढ़ने के बावजूद अधर्म, अनाचार में बेतहाशा बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण यही है कि अतीत में राजनीति, सत्ता और समाज को धर्म के अंकुश से नियंत्रित करती रही व्यास पीठ स्वार्थ, लोभ के मायाजाल में उलझकर दुर्भाग्यवश आज स्वयं ही दिग्भ्रमित सी हो रही है। सत्यानंद आश्रम नैमिषारण्य धाम सीतापुर के पीठाधीश्वर प्रख्यात भागवत कथाव्यास आचार्य पं० अवध किशोर त्रिपाठी 'सरस'जी महाराज ने मीडिया से मुखातिब होते हुए इस कटु तथ्य को बेहिचक स्वीकार किया। आचार्य अवध किशोर जी इन दिनों ग्राम खिरका जगतपुर में श्री शिव महापुराण और श्रीराम कथा के नौ दिवसीय अनुष्ठान के अंतर्गत भक्तजनों को भक्ति, ग्यान, वैराग्य की रसगंगा में पावन डुबकियां लगवा रहे हैं। आचार्य अवध किशोर जी ने कहा कि आज धार्मिक अनुष्ठानों की बाढ़ सी आई हुई है। इन अनुष्ठानों में पैसा भी पानी की तरह बहाया जाता है। व्यापारी, उद्यमी, राजनेता भी इन अनुष्ठानों में सक्रिय सहभागिता करते हैं लेकिन अधिकांशतः इस अति सक्रियता के मूल में सच्ची भाव भक्ति या समर्पण, सेवा, परोपकार जैसी मनोवृत्तियां न होकर राजनीतिक, व्यापारिक स्वार्थ ही हावी रहते हैं। एक कड़वा सच यह भी है कि कथा व्यास इन संगीतमय अनुष्ठानों में लच्छेदार उपदेश तो बहुत करते हैं किंतु उन उपदेशों को अपने जीवन और व्यवहार में सम्मिलित नहीं कर पाते। वास्तव में वही उपदेश फलीभूत हो पाते हैं जो उपदेशक के निजी जीवन के अभिन्न अंग बनते हैं। धर्म पीठ को सत्ता प्रतिष्ठान का दास या मुखापेक्षी बनने के बजाय उसे धर्म के अंकुश से निर्भीकतापूर्वक नियमित-नियंत्रित करना ही होगा। आचार्य अवध किशोर कहते हैं कि तमाम दोषो विकारों के बाद भी भारत में आज भी धर्म ध्वजा फहराने वाले सच्चे वीतरागी संतों, तपस्वियों, मनीषियों की कमी नहीं है। कर्मठ, जुझारू युवा शक्ति के बलबूते भारत न सिर्फ वर्तमान में विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है बल्कि भविष्य में विश्व गुरु बनकर दुनिया को नियंत्रित करने की कुव्वत भी रखता है। कथा व्यास ने बताया कि परिवार या समाज की भलाई तभी संभव है जब स्वार्थ को भूलकर और बहकावे में फंसे बगैर हर सदस्य एक-दूसरे का सदैव सहयोग करता रहे। याद दिलाया कि आज देश में अलगाववादी ताकतें भाई-भाई के बीच फूट पैदा करके अपना उल्लू सीधा करने का कोई मौका नहीं चूक रही हैं लेकिन राष्ट्रवादी युवा शक्ति विवेक-बुद्धि का प्रयोग करके इन मुट्ठी भर देशद्रोहियों को करारा सबक जरूर सिखा सकती है। चेताया भी कि चंद ओछे स्वार्थों की खातिर देश की विकट चुनौतियों से मुंह मोड़ लेने की आत्मघाती आदत अभी नहीं छोड़ी तो भारत को एक बार फिर गुलामी की गहरी-अंधी खाई में गिरते देर नहीं लगेगी। अनुष्ठान का समापन 21 फरवरी शुक्रवार सायं महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सभी ग्रामवासियों द्वारा कथा स्थल पर फूलों की होली खेलकर किया जाएगा।।


बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव