बिना हेलमेट के दो पहिया वाहनों को चिकित्सा विश्वविद्यालय में नहीं मिलेगा प्रवेश


यूपीयूएमएस में बिना हेलमेट के दो पहिया वाहनों का प्रवेश वर्जित- प्रो0 राजकुमार


इटावा:- सैफई 08 फरवरी (अनिल कुमार पाण्डेय)  चिकित्सा विश्वविद्यालय सैफई में अब कोई भी बिना हेलमेट के प्रवेश नहीं कर सकेगा। बिना हेलमेट के आने वालों को विश्वविद्यालय गेट पर ही रोक लिया जायेगा तथा भविष्य में इसको गंभीरता से नहीं लेने वालों से जुर्माना भी वसूला जायेगा। यह जानाकरी विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि पिछले एक हफ्ते के दौरान विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजकुमार ने इसे गंभीरता से लिया है तथा अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना हेलमेट के विश्वविद्यालय में प्रवेश करने वालों को रोकने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय में कार्यरत् सभी फैकेल्टी एवं कर्मचारियों को दो पहिया वाहनों के साथ हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इसके लिए जागरूकता अभियान चलाकर अस्पताल परिसर में आने वाले मरीजों तथा उनके तीमारदारों को भी हेलमेट पहनने हेतु जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जायेगा।


विश्वविद्यायल के कुलपति एवं जाने-माने न्यूरो सर्जन प्रो0 डा0 राजकुमार ने अपने संदेश में कहा कि सडक दुर्घटना आज की एक गंभीर एवं घातक समस्या है। सड़क दुर्घटना चुपचाप एवं अचानक होने वाली दुर्घटनाओं में से एक है। पिछले एक हफ्ते के दौरान विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना हेलमेट के विश्वविद्यालय में प्रवेश करने वालों को रोकने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष पूरे विश्व में हेड इंजरी से 6.0 मिलियन लोग प्रभावित होते हैं। जिसमें अकेले अपने देश में प्रतिवर्ष 1.5 मिलियन से ज्यादा लोगों के सिर पर चोट लगती है जिसमें से 75-80 प्रतिशत हेड इन्जरी सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में प्रति मिनट एक दुर्घटना होती है और हर 4 मिनट में दुर्घटना के कारण एक मौत हो जाती है।


कुलपति डॉ रमाकांत यादव ने कहा कि हेड इंजरी से बचाव के लिए हेलमेट का प्रयोग करने के साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने पर रोक लगानी होगी। इसके साथ ही ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन भी जरूरी है। उन्होंने सलाह दी की वाहन चलाते समय फोन का उपयोग बिल्कुल ही नहीं किया जाना चाहिए।


इटावा ब्यूरो:- सुबोध पाठक