रायबरेली:- जिलाधिकारी शुभा सक्सेना ने पराली व कृषि अपशिष्ट जैसे गन्ने की सूखी पत्ती या फसलों के डंठल इत्यादि न जलायें। माननीय राष्ट्रीय हरति न्यायाधिकरण द्वारा पारित आदेश में कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने वाले व्यक्ति के विरूद्ध नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने के निर्देश है। 2 एकड़ से कम भूमि वाले कृषकों के लिए रू0 2500 प्रति घटना, 2 एकड़ से 5 एकड़ भूमि रखने वाले लघु कृषकों के लिए रू0 5000 प्रति घटना, 5 एकड़ से अधिक भूमि रखने वाले बडे कृषको के लिए रू0 15000 प्रति घटना है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत पारित उक्त आदेशों का अनुपालन अत्यन्त आवश्यक है अन्यथा इसी अधिनियम की धारा 24 के अन्तर्गत आरोपित क्षतिपूर्ति की वसूली और धारा-26 के अन्तर्गत उल्लघंन की पुनरावित्त होने पर करावास एवं अर्थदण्ड आरोपित किया जाना प्राविधनित है एवं एक्ट संख्या 14/1981 की धारा 19 के अन्तर्गत अभियोजन की कार्यवाही कर नियमानुसार कारावास या अर्थदण्ड या दोनों से दण्डित कराया जायेगा। उक्त आदेश के अनुपालन में लेखपाल द्वारा क्षतिपूर्ति की वसूली की धनराशि सम्बन्धित से भू-राजस्व के बकाया की भांति की जायेगी। ग्राम सभा की बैठक में पराली प्रबन्धन एवं पराली एवं कृषि अपशिष्ट जैसे गन्ने की पत्ती/गन्ना, जलाने पर लगने वाले अर्थदण्ड एवं विधिक कार्यवाही के बारे में बताया कि कोई भी व्यक्ति कृषि अपशिष्ट को नही जलायेगा तथा कृषि अपशिष्ट जलाने पर तत्काल सम्बन्धित थाने पर सूचना दी जायेगी एवं आर्थिक दण्ड विधिक कार्यवाही करायी जायेगी।
जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने जनपद में पराली व कृषि अपशिष्ट जलाने की घटनाओं पर कई किसानों व व्यक्तियों को नोटिस एवं कार्यवाहियां की गई है और इन व्यक्तियों पर अर्थदण्ड अधिरोपित भी किया गया है तथा कई व्यक्तियों व किसानों पर एफआईआर व कई लेखपालों को निलम्बन/विभागीय कार्यवाही भी की गई है। पराली और कृषि अपशिष्ट न जलाने पर तहसील व विकास खण्ड, ग्राम स्तरों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाकर आम आदमी को जागरूक भी किया जाये। उन्होंने कहा कि पराली जलाने पर पूरी तरह से शासन द्वारा पाबंदी लगाई गई है। शासन के निर्देशानुसार जनपद में पराली जाने पर कड़ी से अनुपालन भी कराया जा रहा है।
रायबरेली ब्यूरो:- अभिषेक बाजपेई