जशपुर: मामूलि सी फुंसी, झोलाछाप डॉक्टर ने काट दिए युवती के पैर का महत्वपूर्ण हिस्सा, नहीं हो रही कोई कार्यवाही


जशपुरनगर:- स्वास्थ्य के क्षेत्र में करोड़ों अरबों रुपए खर्च किए जाने और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त करने के बाद भी जशपुर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का वर्चस्व आज भी बना हुआ है। नया मामला फरसाबहार विकासखंड के ग्राम जून वाइन का सामने आया है जहां लगभग एक 30 वर्षीय युवती कुसुम बड़ाईक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के कारण गंभीर समस्या से जूझ रही है। 3 माह पहले कुसुम को पैर में फुंसी हुई जो एक छोटा सा फोड़ा का रूप ले लिया। कुसुम इलाज के लिए जब ग्राम पेटा मारा में एक तथाकथित झोलाछाप डॉक्टर प्रेम कुमार के पास पहुंची तो कुसुम के मुताबिक प्रेम कुमार ने खुद को अच्छा डॉक्टर बताया और बोला कि उसके पैर में गंदा खून जमा हो गया है इसे काटना पड़ेगा। स्वास्थ्य अधिनियम को ताक में रखकर तथाकथित इस डॉक्टर ने चिकित्सीय मर्यादा की सीमा लांग दिया और बिना सावधानी के उसके पैर के फोड़े सहित मांस के कुछ हिस्सों को काट दिया। इसके बाद डॉक्टर ने कहा कि वह खुद उसके घर आकर नियमित निगरानी करेगा और उसे ठीक कर देगा। इसके बाद डॉ तो कभी उसके घर नहीं आया ना ही उसके संपर्क में आया बल्कि जो समस्या थी और बढ़ती गई और धीरे-धीरे कुसुम के पैर में सेप्टिक होता गया। माता-पिता बुजुर्ग है और भाई अन्यत्र रोजगार के लिए गया हुआ है जो मजदूरी कर कुछ पैसे जुटाता है। इसके बाद उसके पैर की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि वह अब अपने पैरों से चल भी नहीं पाती थी स्थिति गंभीर होने पर उसने उड़ीसा सहित बड़े चिकित्सकों का सहारा लिया लेकिन स्थिति इतनी खराब हो गई थी जब उसे इलाज में हजारों रुपए की आवश्यकता है जिसके लिए वह सक्षम नहीं है और अपनी किस्मत को रो रही है। कुसुम बताती है कि वह इसके लिए सक्षम नहीं है कि वह उक्त चिकित्सक के खिलाफ थाने में या कहीं और अधिक उच्च अधिकारी तक जाकर शिकायत करें और न्याय प्राप्त करें।


उल्लेखनीय है कि आज भी जशपुर जिले में गांव गांव में झोलाछाप डॉक्टर का वर्चस्व है और आपातकाल में ग्रामीणों के पास इसका कोई विकल्प भी नजर नहीं आता है। ऐसे चिकित्सकों के जाल में फंस कर सैकड़ों लोग अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं और कर रहे हैं। यह भी बताया जाता है कि जब कार्यवाही होती है तब ऐसे चिकित्सक जशपुर जिले से गायब हो जाते हैं। वर्तमान में पीड़ित कुसुम के पास कोई सहारा नहीं है। पर ऐसे मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने के कारण ऐसे दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर जिले में बढ़ते जा रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि हाल ही में गंभीर घटना को अंजाम देकर झोलाछाप डॉक्टर के नाम पर चुप रहने के मामले में कार्रवाई हुई थी।





जशपुर ब्यूरो:- दीपक वर्मा