बरेली: क्रिसमस की तैयारी में सजने लगे बरेली के चर्च, घरों में बन रहे केक


बरेली:- मसीही समाज पर्व क्रिसमस की खुशियों में सराबोर होने की तैयारियों में जुट गया है। शहर के प्रमुख गिरजाघरों को सजाया जा रहा है और क्रिसमस की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। घर में क्रिसमस ट्री और सौभाग्य का प्रतीक स्टार लगाया जा रहा है। इस पर्व पर केक का विशेष महत्व है। बेकरी की दुकानों पर ऑर्डर दिए जा रहे हैं और घरों में भी केक बनाया जा रहा है। क्रिसमस पर्व का उल्लास करीब एक माह पहले ही शुरू हो गया है। गिरजाघरों में शाम को विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है। मसीही लोगों ने घरों में खुशियों के इस त्योहार को मनाने की तैयारी शुरू कर दी है। घरों की साफ-सफाई के साथ क्रिसमस ट्री लगाया जा रहा है।


क्रांति का गवाह रहा फ्रिविल बैप्टिस्ट चर्च
बरेली क्लब के सामने है क्रांति का गवाह फ्रिविल बैप्टिस्ट चर्च। जहां आज भी उस दौर की निशानी मौजूद है। बेहद भव्य और आकर्षक यह चर्च मसीही समाज की आस्था का केंद्र है। यहां क्रिसमस की तैयारी जोरों पर चल रही है। चर्च की सफाई के साथ ही परिसर में मौजूद मूर्तियों को भी सजाया-संवारा जा रहा है। कैंट इलाके में इस चर्च का निर्माण 1838 में हुआ था। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय 1857 में 31 मई को क्रांतिकारियों ने इस चर्च में आग लगा दी थी और कुछ समय के लिए यह गिरजाघर खंडहर की शक्ल में बदल गया था। उसके बाद इस चर्च में ब्रिटिश सिपाहियों को हथियारों के साथ आने की इजाजत दी गई थी। आज भी यहां की बेंच पर रायफल रखने की जगह बनी हुई है।


भव्यता के लिए प्रसिद्ध है क्राइस्ट मैथोडिस्ट चर्च
चौकी चौराहे पर बना क्राइस्ट मैथोडिस्ट चर्च अपनी उत्कृष्ट स्थापत्य कला और भव्यता के लिए पूरे रुहेलखंड में प्रसिद्ध है। यहां क्रिसमस पर मेला लगता है। यहां का आकर्षण होती हैं प्रभु यीशु मसीह के जीवन पर आधारित झांकियां। अमेरिका से आए विलियम बटलर ने इस चर्च के निर्माण की नींव डाली थी। निर्माण शुरू होने के कुछ दिन बाद ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम शुरू हो गया और तब काम कुछ समय के लिए रुक गया था। यहां की लाइब्रेरी में आज भी पुरानी और दुर्लभ किताबें हैं।


बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव