संभल नगर पालिका प्रशासन का पकड़ में आया करोड़ों का घोटाला


संभल:- संभल नगर पालिका प्रशासन में करोड़ों के घोटाले सामने आए हैं आय और अवस्थापना निधि में साढ़े चार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाला सामने आने के बाद बबाल मचा है शिकायतकर्ता सभासद के पति की मानें तो पालिका प्रशासन में 11 करोड़ रुपए का घोटाला है शिकायतों पर जांच शुरु हुई जरूर है लेकिन मुख्य आरोपी लिपिक अब भी अपने पद पर बरकरार है।


इस बार घोटालों का सेंटर संभल जिले की संभल नगर पालिका बनी है जहां मार्च 2019 की पालिका की आय दो करोड़ चौउवन लाख कई महीनों गुम रही इन्कम का खुलासा तब सामने आया जब नए लेखाधिकारी ने उक्त आय को पकड़ा मामले को त्रुटि मानकर फाइल दफन करने की कोशिश हुई सवाल ये है कि उक्त राशि आडिट के बाद भी इन्कम में शो नहीं हुई अब किस तरीके से उसे आय में शामिल किया जाएगा और इतनी बड़ी राशि सात महीने तक कहां रही?


दूसरा मामला दो करोड़ से अधिक की अवस्थापना निधि का है जिसका उपयोग पालिका निर्माण कार्य में कर सकती है मगर अवस्थापना निधि को भी अन्य जगह खर्च कर दिया गया है


घोटालों को पालिका के एक लिपिक समेत कई जिम्मेदार बताए  गए हैं लेकिन पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने के खिलाफ वार्ड 10 की सदस्य वसीम जहां ने 2 नवंबर को पालिका की बैठक का बहिष्कार किया था सदस्य वसीम जहां के अनुसार एक लिपिक और चेयरमैन समेत कई लोग घोटाले के जिम्मेदार हैं सभासद का दावा कुल 11 करोड़ के घोटाले का है आरोपो की जांच के लिए दी गई शिकायतों को दबाने के लिए उन्हें अभिलेखों में दर्ज नहीं किया जा रहा है पूरे मामले की न्यायिक जांच कार्रवाई और मुख्य आरोपी लिपिक को जांच तक नगर पालिका से दूर रखने की मांग के लिए सभासद ने संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की है समुचित कार्रवाई न होने पर सभासद ने अग्रिम कार्रवाई की चेतावनी दी है इधर एसडीएम दीपेंद्र यादव ने पंद्रह दिन के अंदर जांच पूर्ण कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है एक तरफ जहां सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं और घोटालेबाज अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रहे हैं वही संभल का प्रशासन नगर पालिका में हुए घोटाले के आरोपियों को बचाने में लगा है आखिर क्या वजह है कि अधिकारी जान कर भी अंजान बने बैठे हैं अब देखना यह होगा कि संभल नगर पालिका में पकड़ में आया करोड़ों का घोटाला के मामले में अधिकारी कब तक कार्यवाही अमल में लाते हैं या फिर दोषियों को क्लीन चिट देकर पूरे प्रकरण को दफन कर दिया जाएगा।


रिपोर्टर:- सरफराज अंसारी