बरेली को दोबारा से नई पहचान देगा बांस-बेंत


बरेली:- शहर को बांस और बेंत फिर नई पहचान देगा। डीएम नितीश कुमार ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। एक उत्पाद एक योजना में बांस और बेंत को शामिल कराने के लिये डीएम ने प्रमुख सचिव नवनीत सहगल को प्रस्ताव दिया है। जिसको हरी झंडी मिल गई है। एक उत्पाद एक योजना में बरेली की जरी जरदोजी को रखा गया है।  इंडस्ट्री लगाने से लेकर छोटे उद्योगों को बढ़ाने के लिये उद्योग विभाग सब्सिडी के अलावा कई सहूलियत दे रहा है। अब चूंकि नवनीत सहगल खादी ग्रामोद्योग, सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्योग के ही प्रमुख सचिव हैं। इस वजह से डीएम ने प्रमुख सचिव से बांस और बेंत को भी एक जनपद एक उत्पाद योजना में शामिल करने के लिये पैरवी की। बरेली को बांस बरेली के नाम से ही पहले जाना जाता था। प्रदेश के बाहर बरेली बताने पर लोग कंफ्यूज होते हैं। कंफ्यूजन को दूर करने के लिये अक्सर पूछते हैं कि राय बरेली या बांस बरेली। प्रमुख सचिव  ने बांस बेंत को योजना में शामिल करने के साथ ही बड़ी इंडस्ट्री और छोटे उद्योग लगाने में सहयोग का आश्वासन दिया।


कांप्लेक्स की तर्ज पर विकसित होगा अर्बन हाट
डीएम ने बताया कि अर्बन हाट को कांपलेक्स की तर्ज पर विकसित करेंगे। इसमें साल भर दुकानें लगेंगी। बरेली महोत्सव जैसे कार्यक्रम भी होंगे। अर्बन हाट को चमाचप कांपलेक्स में बदलने को कवायद शुरू हो गई है।


थारू शिल्प ग्राम बनाकर सुर्खियों में रहे थे नितीश
लखीमपुर खीरी में थारू गांवों में सामाजिक विकास, क्षमता संवर्द्धन के लिए थारू शिल्प ग्राम की स्थापना कर डीएम नितीश कुमार सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने थारू जनजाति के परंपरागत हस्तशिल्प, हथकरघा, जूट एवं बांस की बेहतरीन कारीगारी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। शिल्प ग्राम में थारू हेरीटेज वर्कशेड में महिलाएं हस्तशिल्प, हथकरघा, जूट के परंपरागत सामान, बेडशीट पर ट्राइवल/थारू कढ़ाई, बांस के बेहतरीन उत्पाद बनाती हैं।


बांस-बेंत को एक जनपद एक उत्पाद योजना में शामिल किया जा रहा है। प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग नवनीत सहगल ने प्रस्ताव को सहमति व सहयोग का आश्वासन दिया है। जल्द ही इसे अमली जामा पहनाया जायेगा।    
नितीश कुमार, डीएम 


बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव