तथ्यों को छिपाकर दो फर्मों ने निगम में करवाया पंजीकरण-फर्म संचालक बोले सार्वजनिक करें प्रमाण


रूड़की:- विधुत विभाग से ब्लैक लिस्ट की गई फर्म ने तथ्यों को छिपाकर नगर निगम में पंजीकरण करवा लिया। ऐसा आरोप एक आरटीआई कार्यकर्ता ने मुख्यनगर अधिकारी को दी शिकायत में लगाया है। आरटीआई कार्यकर्ता ने फर्म द्वारा जमा की गई जमानत राशि को जप्त कर फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है। शिकायतकर्ता ने विधुत विभाग द्वारा प्रमाणित एक दस्तावेज की प्रतिलिपि भी शिकायती पत्र के साथ सौंपी है। जिसमें फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने के लिए विधुत विभाग द्वारा नोटिस जारी किया है। वहीं फर्मों के संचालक का कहना हैं कि कोई उनकी फर्मों को बदनाम करना चाहता है। उनकी फर्में ब्लैक लिस्ट नही हुई थी और वह उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाएंगे।


रुड़की नगर निगम मुख्यनगर अधिकारी को सौंपे शिकायती पत्र में आरटीआई कार्यकर्ता नीटू कुमार ने आरोप लगाया है कि दो फर्में जिनका नाम मैसर्स रूबी इंटरप्राइजेज एवं मैसर्स एसजी इलेक्ट्रिकल एंड कंट्रक्शन विधुत मण्डल रुड़की द्वारा अनुबंधित कार्यों एवं आपूर्ति आदेश के विपरीत कार्य करने पर ब्लैक लिस्ट सूची में डाला गया था। वही अब उपरोक्त फर्म नगर निगम रुड़की में भी निर्माण कार्य के लिए पंजीकृत है। आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप है कि तथ्यों को छिपाकर दोनो फर्मों ने अपना पंजीकरण निगम में करवाया है। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि उक्त फर्म को नगर निगम से ब्लैक लिस्ट करते हुए जमानत राशि को जप्त किया जाए। वहीं शिकायती पत्र के साथ विधुत विभाग द्वारा प्रमाणित प्रतिलिपी की छाया प्रति भी पत्र के साथ सौंपी गई है। वर्तमान अधीक्षण अभियंता द्वारा प्रमाणित कॉपी के अनुसार वर्ष 2011 में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता एमसी गुप्ता ने कई बिंदुओं पर सम्बंधित फर्मों को नोटिस जारी किया था कि जिसमे चार बिंदुओं पर जबाब मांगा था। नोटिस में बताया गया था कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार फर्म द्वारा आपूर्ति किये गए सामान की गुणवत्ता निम्नस्तरीय एवं असुराक्षत्मक स्तर की है साथ ही कई बार मांगने पर भी फर्म ने अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों का विवरण नही दिया एवं उपभोक्ताओं के यहां लगाई गई केबल भी उपभोक्ताओं से ख़रीदवाई गयी केवल जागरूक उपभोक्ताओं को ही केवल उपलब्ध करवाई। इससे विभाग की छवि धूमिल हुई है। इसके साथ ही मकदूमपुर निर्गत लाइनों में अनुबंध की शर्तों के उलंघन करने का आरोप भी लगाया था।अधीक्षण अभियंता द्वारा सौंपे पत्र में बताया गया था कि नोटिस के 15 दिन के अंदर स्पष्ट करें आपकी दोनों फर्मों को भारत सरकार के अधीनस्थ समस्त कार्यालय में कार्य करने से प्रतिबंधित करने की संस्तुति कर दी जाए। वही नोटिस में यह भी कहा गया था कि वह राजतनिक कार्यक्रमो एवं व्यक्तियों से जुड़े है इसलिए फर्म के विरुद्ध होने वाली कार्रवाई में उसका सहारा न लें। वहीं फर्मों के संचालक संजय गुप्ता ने कहा कि उनकी कोई उनकी फर्मों को बदनाम करने की साजिश रच रहा है उनकी फर्में ब्लैक लिस्ट हुई ही नही और किसी के पास उनकी फर्मों के ब्लैक लिस्ट होने का प्रमाण है तो वह सार्वजनिक करे। अन्यथा मैं उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर मानहानि का मुकदमा करूंगा। उन्होंने कहा कि उस समय केवल नोटिस जारी हुआ था जिसका जबाब दे दिया था और फर्में काम कर रही हैं।


रिपोर्टर:- अंकित गुप्ता