शीश भले ही कट जाए मेरा, पर गाय नही कटने देंगे, रामलीला महोत्सव में बही काव्य गंगा, कवियों ने किया जमकर "ब्रेनवाश


इटावा:- रामलीला महोत्सव समिति द्वारा शनिवार रात्रि आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में आये कवियों ने ओज, श्रृंगार, हास्य एवम देशभक्ति से ओतप्रोत रचनाओं को सुनाकर श्रोताओं को न केवल मदमस्त किया, बल्कि उनका अनेक मुद्दों पर जबरदस्त ब्रेनवाश किया।


पिछले तीन दशकों से रामलीला मैदान में हो रहे कवि सम्मेलनों की परंपरा में यह कवि सम्मेलन इसलिये भी याद किया जाएगा क्योकि कवियों ने मंदिर, मस्जिद, गाय और पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर अपनी वाणी को प्रखरता से मुखरित किया।


प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव व उच्च न्यायालय इलाहाबाद के एडवोकेट प्रदीप गुप्ता एडवोकेट ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर इस काव्य रात्रि का शुभारम्भ किया, पंडाल भी तब तक खचाखच भर गया था।


प्रख्यात  काव्य हस्ताक्षर जयपुर के कवि कमल मनोहर के हाथों में संचालन था, तो अध्यक्षता हिंदी भाषा को  न्याय जगत में स्थापित करने वाले न्यायविद स्व. प्रेम शंकर गुप्ता एडवोकेट के सुपुत्र प्रदीप गुप्ता एडवोकेट के हाथ मे थी।    


संचालक ने  हास-परिहास और चुटीले अंदाज में काव्य रात्रि का आगाज करते माँ शारदे की वंदना के लिए कानपुर की शायरा बेटी  शबीना अदीब को बुलाया-"माँ शारदे, वीणा वादिनी  वरदान दो..!" से  कवि सम्मेलन की शुरूआत की।


सबसे पहले आये इटावी माटी के पुत्र कवि गौरव चौहान ने  पाक को ललकारते हुए कहा- "भारतवंशी हृदय में शेर सा अभिमान बोलेगा, फना हो जायेंगे लेकिन कभी खामोश नहीं होंगे, हमारे खून के कतरो में हिदुस्तान बोलेगा।"


दिल्ली के दीपक सैनी ने केजरीवाल, मोदी, मुलायम सिंह आदि की मिमिक्री कर श्रोताओं को जहां हंसाया, वहीं सवाल जड़ा-"हटा दी धारा 370, अब चलाओ पत्थर!! दूध मांगोगे खीर देंगे, मांगते रहो कश्मीर!"


कानपुर की बेटी  नूरी परवीन ने युवाओं को झंकृत किया -" वफा का फैसला इकरार पर है, मेरा सब कुछ निगाहे यार पर है, कहां देखूं कहां पर मैं ना देखूं, तेरी तस्वीर हर दीवार पर है!" युवाओं की यह सुन आह निकल गयी।


हास्यकवि  और लाफ्टर चेनल के फाइनलिस्ट लक्ष्मण नेपाली ने  अपने चुटीले अंदाज से श्रोताओं को खूब  गुदगुदाया और लोटपोट  किया और सबसे ज्यादा बीबी और पुलिस के ऊपर कटाक्ष करते हुए समानता बताई। उन्होंने मन को छूने वाली रचना- "जब जब कागज पर लिखा मैंने मां का नाम, कलम अदब से कह उठी, ले गए चारों धाम।" सुनाकर अपनी लेखनी की दम भी बतायी।


नई दिल्ली से पधारी गीतकारा पदमिनी शर्मा ने- " बचा लो कर्मो की अदालत में अपनी गीता बचा लो ,मंदिर तो आज या कल मे बन ही जायेगे ,मगर कलियुग के रावणो से अपनी सीता बचा लो!"- रचना से लोगों के दिलों में सवाल जड़ा।


वनारस से आईं श्रगांर रस की कवियत्री विभा शुक्ला ने- "चांद तारों से रोशन जहां तक चलो, खत्म ना हो प्यार की तुम वह परवाज हो, इस जमीन से उठो आसमां तक चलो!"रचना पेश की।


जयपुर से आये कवि अब्दुल गफ्फार अपने जोशीले और प्रखर अंदाज से छा गए ।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- "बेशक हम भी मुसलमान हैं, पर एलान हमारा है, हिन्द मादरे वतन हमारा, हमे जान से प्यारा है, पर इसका यह अर्थ नहीं कि हम तेरी संगत में होलें, अगर जंग का शंख बजा उस भक्त यही मंजर होगा, हिंदू से पहले सरहद पर हर मुसलमान का सिर होगा।",उनकी इस रचना पर देर तक तालियां बजती रहीं। उनकी यह रचना--भारत माँ की शान है गौ माता, शीश भले ही कट जाए,पर हम गाय नही कटने देंगे!"ने हिन्दू मुस्लिम एकता को सलामी दी। 


अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त और दुबई से सीधी यहां पंहुंचीं ,शायरा शबीना अदीब कानपुरी ने अपनी सुरीली आवाज में गायी गजलो से शमा बांध दी । उन्होंने सुनाया -"अंधेरों की हर एक साजिश यहां नाकाम हो जाए, उजाले हर तरफ हो रोशनी का नाम हो जाए, मेरी कोशिश तो नफरत को दिलों से दूर करना है, मेरा मकसद है, दुनिया में मोहब्बत आम हो जाए!"


उन्होंने जब पढ़ा-"जो खानदानी रईश हैं, वो मिजाज रखते हैं, नर्म अपना, तुम्हारा लहज़ा बता रहा है...तुम्हारी दौलत नई नई है! ये पंक्तियां सुनते ही श्रोताओ की तालियां देर तक नही थमीं और झूम उठे ।


रात्रि 2 बजे तक काव्यप्रेमी श्रोता डटे रहे और कवियों द्वारा पढ़ी जा रहीं रचनाओं पर दाद देते रहे। कवियों ने देश और व्यस्वस्था के नकारात्मक पहलुओं पर जमकर प्रहार किए।


कार्यक्रम सयोंजक राजकुमार गुप्ता एडवोकेट, अध्यक्ष रामलीला समिति अजय लम्बरदार, प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू, व्यवस्था प्रभारी अजेंद्र सिंह गौर, मंत्री हीरा लाल गुप्ता, ब्लाक प्रमुख अनुज मोंटी यादव, राहुल गुप्ता, कृष्ण मुरारी गुप्ता, सुनील यादव, रामनरेश यादव पप्पू, रतन पांडेय आदि ने प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह, पूर्व सांसद रघुराज शाक्य और पधारे काव्य हस्ताक्षरों आदि को प्रतीक चिन्ह व शॉलों से सम्मनित किया।


रिपोर्टर:- सुबोध पाठक