संघ ने मनाया स्थापना दिवस एवं विजय दशमी महोत्सव-मुख्य वक्ता ने बताया महत्व


रुड़की:-  शक्ति के संभल से ही अहिंसा जीवित रह सकती है वर्तमान परिस्थितियों में हिंदू समाज की संगठित शक्ति ही सभी समस्याओं का एक अचूक निदान है। उक्त विचार प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख राजेंद्र पंत द्वारा विजय दशमी महोत्सव पर मुख्य वक्ता के रूप में कहे गए।


मालवीय चौक स्थित आनंदम गणेश शाखा स्थल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रूड़की द्वारा आयोजित विजय दशमी महोत्सव एवं संघ स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पंत ने कहा आश्विन शुक्ल दशमी का दिन दिव्य पर्वती द्वारा राक्षसी प्रवृत्ति पर विजय प्राप्त की गई। सभी मानवीय मूल्यों को कुचल कर सद्गुण और सब परवर्ती को स्थान देने वाले उन्मत्त रावण को इसी दिन प्रभु श्री राम ने रक्त स्नान कराया था।तथा 33 कोटी देवताओं को मुक्त किया था 12 वर्ष के वनवास तथा 1 वर्ष के अज्ञातवास के पश्चात पांडवों द्वारा शमी वृक्ष पर छिपाकर रखे अपने अस्त्रों का पूजन इसी दिन किया था। सर्व दिव्य गुणों की दुर्गा देवी द्वारा आसुरी सा नृत्य पर विजय भी इसी दिन प्राप्त की थी विपरीत परिस्थितियों के होते हुए भी हिंदुत्व का स्वाभिमान लेकर हिंदू पद पादशाही की स्थापना करने वाले शिवाजी द्वारा सीमा लंगन के परंपरा का प्रारंभ इसी दिन किया गया था। शुभ सात्विक एवं राष्ट्रीय गौरव कारी कार्य को प्रारंभ करने के लिए इस दिन का मुहूर्त सर्वोत्तम माना गया है। विजय कि अदन में प्रेरणा देने वाले इसी दिन आश्विन शुक्ल दशमी पर 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ केशव राम बलिराम हेडगेवार जी ने इस उद्देश्य से आत्म केंद्रित आत्मवृत्त आत्म विश्वास सुनने हिंदू समाज को संगठित कर उसका व्यक्तित्व निर्माण कर हिंदू समाज में नवचैतन्य आत्मविश्वास तथा विजय की आकांक्षा का निर्माण हो। इसकी पूर्ति के लिए संघ सज्जन शक्ति का एकत्रीकरण कर उसको राष्ट्र निर्माण में लगा रहा है। समाज में फैली कुरीतियों भेदभाव को समाप्त कर सामाजिक सद्भाव एवं समरसता के लिए कार्य कर रहा है यह समाज शक्ति आज देश में फैली संघ शाखाएं विश्व हिंदू परिषद विद्यार्थी परिषद भारतीय मजदूर संघ वनवासी कल्याण आश्रम भारतीय किसान संघ विद्या भारती सेवा भारती संस्कार भारती भारत विकास परिषद के रूप में दिखाई देती है। कार्यक्रम स्वयंसेवकों द्वारा समता, दंड नियुद्ध योग, आसन आदि का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेशानंद द्वारा की गई उन्होंने अधिक संख्या में संघ की शाखा से जुड़ने का आह्वान किया।


रिपोर्टर:- अंकित गुप्ता