रावण पुष्पक विमान में सीता को उड़ा ले गया, लिया बहन की नाक काटने का बदला, जटायु को किया मरणासन्न


इटावा:- लंकाधिपति रावण ने शुक्रवार को राम लीला मैदान में भगवान राम की अर्धांगिनी सीता का अपहरण करके अपनी बहन सूपर्णखा के नाक कान काटे जाने का बदला ले लिया।


रामायण की इस सबसे महत्वपूर्ण लीला का प्रदर्शन स्वर्ण मृग बनकर  आये मारीच के पंचबटी के आसपास विचरने और माता सीता को मनमोहित करने के साथ आरम्भ हुआ। सीता इस हिरण को जैसे ही देखती हैं अपना लोभ संभरण नही कर पाती और राम से इस मृग की मृगछाला अपनी कुटिया में बिछाने को लाने की कहती हैं, मगर राम मना  करते हैं। त्रिया हट के आगे उनकी नही चलती और वह हिरण के आखेट को निकल पड़ते हैं।


मायावी मारीच राम को सुदूर जंगल मे ले जाता और छल से तेज आवाज में "हे राम". की आवाज गुंजाता है, यह सुन सीता घबरा कर लक्ष्मण को अपने भाई की रक्षा में भेजती हैं।


लक्ष्मण कुटिया के चारों ओर लक्ष्मण रेखा खींच जैसे ही जाते हैं, लंकेश साधुवेश में आ धमकता और सीता से  भिक्षा मांगता, सीता कुटिया के भीतर से देने का प्रयास करती, तो साधु के अपमान की दुहाई दे रावण उन्हें जैसे ही लक्ष्मण रेखा के बाहर आया देखता तो रावण अपने असली रूप में आजाता और माता सीता को अपनी गोद में उठा अपने पुष्पक विमान में डाल लेता और लंका की ओर रवाना हो जाता।


सूपर्णखा अपने भाई रावण की बलैया लेती है। मगर रास्ते मे जटायु रावण को सीता का अपहरण करके ले जाता देखता तो रावण पर हमला बोल देता है, दोनों में जमकर युद्ध होता, मगर लंकेश जटायु के पंखों पर हमला  कर लहूलुहान कर देता और सीता को लंका ले जाता है।


इस लीला के उपरांत राम लक्ष्मण का पंचवटी लौटना, सीता का न मिलना, उनकी तलाश में निकलना, जटायु का अंतिम संस्कार, शबरी मिलन और किसकिन्धा पर्वत पर वानर सेना से भेंट आदि लीलाओं का प्रदर्शन होता है।


आज मेला मैदान में अच्छी भीड़ जुटी।रावण की भूमिका विशाल गुप्ता इटावा, राम की यश दुबे, लक्ष्मण कन्हैया मिश्रा और सीता की अभय मिश्र ने निभाई। निर्देशन राजीव "बबलू", अजेंद्र सिंह गौर, निखिल गुप्ता, रतन विवेक शर्मा, हीरालाल गुप्ता, रामनरेश पप्पू, किशन सिंह मेम्बर आदि ने निभायी।


रिपोर्टर:- सुबोध पाठक