रामलीला महोत्सव में कृष्ण जन्म के साथ गूंजने लगी बांसुरी


इटावा:- मर्यादा पुरुषोत्तम राम की लीलाओं के समापन के बाद यहां रामलीला महोत्सव में पांच दिवसीय कृष्ण लीलाएं, कृष्ण जन्म के साथ सोमवार रात्रि से आरंभ हो  गयीं। इसके साथ ही मयूरों की कू हू कू और बांसुरी की मधुरिम स्वरलहरियों से नगर राधाकृष्ण के प्रेमरस में डूबने लगा।


महोत्सव प्रबंधक राजीव बबलू और व्यवस्था प्रभारी अजेंद्र सिंह गौर के अनुसार रासलीला कार्यक्रम 18 अक्टूबर तक चलेगा और 19 अक्टूबर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के साथ 25 दिवसीय रामलीला महोत्सव के कार्यक्रम सम्पन्न हो जाएंगे।


बीती रात वृन्दावन से पधारी राधाबल्लभ आदर्श कृष्ण मंडल रासमण्डली द्वारा मयूर कुटी पर मयूरों के नृत्य के साथ कृष्ण जन्म लीला शुरू की और कृष्ण और राधाजी की जुगल जोड़ी के दर्शन हुए, जिनकी प्रथम आरती नगर के युवा चिकित्सक डॉ शिव गौर और उनके पिता श्री नागेंद्र सिंह गौर ने की।


इसके बाद आततायी कृष्ण द्वारा अपनी बहन देवकी की शादी किया जाना, बाद में वासुदेव और देवकी को कारागार में डालना और कंस द्वारा 6 कन्यायों को मौत के घाट उतारने के बाद जेल में भगवान कृष्ण का जन्म लेने का प्रदर्शन  आचार्य राजेश व्यास के सस्वर गायन और भजनों के साथ हुआ। कृष्ण जन्म में जमकर बधाई ननद के घर हुई। देर रात तक चली इस लीला को भक्ति रस में डूबे दर्शक देखते रहे।स्वामी श्याम सुंदर दास ने लीला का निर्देशन किया। व्यवस्था रामनरेश पप्पू, ब्रह्मशंकर गुप्ता, रत्न पांडेय आदि ने संभाली।


रिपोर्टर:- सुबोध पाठक