कुर्मी क्षत्रिय सभा पटेल जयंती पर कमांडिंग ऑफिसर कर्नल सत्यदेव को करेगी सम्मानित


बरेली:- जिला बरेली के दूरस्थ ग्राम बल्ली में प्राथमिक शिक्षक राम प्रसाद गंगवार व ग्रहणी पन्ना देवी के घर 1962 में जन्मे सत्यदेव गंगवार की प्राथमिक शिक्षा ग्राम बल्ली में हुई। जूनियर स्तर की शिक्षा पूर्व माध्यमिक विद्यालय लखीमपुर तथा हाईस्कूल की शिक्षा इंटर कॉलेज सहोढ़ा में हुई। इण्टर में बायोलॉजी के साथ राजकीय इंटर कॉलेज बरेली में प्रवेश लिया। यहां से इंटर करने के उपरांत बरेली कॉलेज बरेली में बीएससी में प्रवेश लिया और जुट गए तैयारी में पहली बार में ही पशु चिकित्सा प्रवेश परीक्षा पास की और पशु चिकित्सा कॉलेज में बीवीएससी में प्रवेश लिया। 84 परसेंट अंकों के साथ डिग्री पूरी की, तदोपरांत मास्टर डिग्री 80% के साथ आईवीआरआई बरेली में वेटरनरी मेडिसिन के रूप में पूरी की। इसी बीच उनका चयन कई राज्यों में पब्लिक कमीशन के माध्यम से पशु चिकित्सक के रूप में हुआ लेकिन उन्होंने भारतीय थल सेना में जाकर देश सेवा करना उचित समझा। बिना किसी आर्मी बैकग्राउंड के पहली बार एसएसबी इंटरव्यू फेस किया और उसमें कड़ी मशक्कत के बाद चयन हो गया अपनी संघर्ष भरी जिंदगी और अल्प संसाधनों के होते हुए भी कभी हार नहीं मानी और सकारात्मक सोच तथा जुनून के साथ अपना पथ प्रशस्त करते रहे सेना में लेफ्टिनेंट से भर्ती होकर विभिन्न पदों पर रहते हुए आज सर्विस के अंतिम पड़ाव पर है अभी वो 3 वर्ष से दिल्ली में एनसीसी की पशु चिकित्सा कोर के कमांड ऑफिसर है खबर लिखे जाने तक उनका स्थानांतरण हिमाचल प्रदेश हो चुका था सेवा के अंतिम पड़ाव में बहुत ही खुशहाल जिंदगी यापन कर रहे हैं सत्यदेव गंगवार आज अपने क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज नहीं है, यही नहीं उनकी पहचान बनाने में उनके दो पुत्र यश गंगवार तथा हर्ष गंगवार का भी सहयोग है गोल्फ के क्षेत्र में बड़े बेटे हर्ष ने जो देश और विदेश में जो झंडे गाड़े हैं वह काबिले तारीफ है उनके छोटे भाई राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित लाल बहादुर गंगवार ने बताया कि बड़े भाई सत्यदेव गंगवार हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है उनके अंदर ईमानदारी सादगी  भरा जीवन कर्मठता अपने कर्म के प्रति लगनशीलता कूट-कूट कर भरी है उनकी खुशहाली का रहस्य भी यही है।


रिपोर्टर:- स्नेह कुमार सिंह कुशवाहा