कवियों के मध्य जज़्बाती हो गए शिवपाल, विरोधियों पर साधा निशाना, जनता के दुखदर्द मेरे अपने


इटावा:- शनिवार रात्रि यहां प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अपने दिली जज़्बातो पर काबू नही रख सके।उन्होंने अपरोक्ष रूप से उन समाजवादियों को आड़े हाथों लिया, जो उनके खिलाफ विधान सभा चुनाव में उन्हें पराजित करने की साजिशों में जुटे थे।


यहां रामलीला महोत्सव में देश के प्रख्यात काव्य हस्ताक्षरों के साथ मंच साझा कर रहे शिवपाल सिंह जज्वाती लहजे में बोले-"तुम अगर मुझको ना चाहो तो कोई बात नहीं, तुम किसी गैर को चाहोगे तो मुश्किल होगी।" 


मैदानी रामलीला मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में


शिवपाल सिंह यादव ने  जनता का आभार जताते हुए कहा कि यहा के लोगो ने हमारे परिवार को बहुत ऊंचाइयों पर पहुँचाया। हमारे नेता जी भाई मुलायम सिंह यादव सात बार विधायक चार दफा संसद पहुंचे। ये सब नेता जी का क्षेत्र की जनता से जुड़ाव व उनकी लगन का सम्मान हैं। वर्ष 1996 से मुझे यहा की जनता ने लगातार 4 बार विधायक बनाया और वर्तमान में भी हूँ। ये सब भी आप सभी का प्यार व जनता से जुड़ाव से सम्मान का नतीजा हैं। 


आप लोगो ने मेरा विषम परिस्थितियों में जी तोड़ साथ दिया, जब हम समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ रहे थे। मेरे  अपने ही  मुझे नीचा दिखाने की भरपूर कोशिशों में रात-दिन जुटे थे और आपने मुझे 50 हजार से ज्यादा मतों से जीत दिलाकर सम्मान देने का काम किया और मेरे विरोधियों के मंसूबों पर पानी फेरा। 


उन्होंने कहा जसवंतनगर क्षेत्र की जनता मेरे दुखदर्द में शामिल हैं। मेरा मन जसवंतनगर की ओर रहता है। मैं बुलाये, बिन बुलाए यहां आता रहता हूँ। लोग कहते होंगे शिवपाल जसवंतनगर में ज्यादा आते है। यहां की जनता से हमारा रिश्ता प्रेमी-प्रेमिका जैसा है। आप लोग मेरे अपने हैं, नेताजी और मैं कभी नही भूलूंगा। 


वह बोले, अपनो का आदर करने से उन्नति मिलती हैं। घमण्ड करने से हार होती हैं। अगर कोई धोखाधड़ी करे, तो आप लोगों को खामोश नही रहना चाहे, वो अपना ही क्यों नही हो।


शिवपाल के जज्वाती उद्बोधन पर खूब नारे लगे-"शिवपाल तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं। कवियों ने भी उनका करतल ध्वनि से इस्तकवाल किया।


रिपोर्टर:- सुबोध पाठक