जिसे देख छाती थर्रायी आंधी और तूफान की,एक बार फिर वही जवानी दे दो हिन्दुस्तान की


बरेली:- फतेहगंज पश्चिमी,कस्बे के हरी बैंकट हॉल में आयोजित कवि समेलन में अनुच्छेद 370 व पीओके पर साहित्य की बौछार हुई।कविजनों ने कहा कि कश्मीर भारत का मुकुट है,इसे भारत से अलग नहीं किया जा सकता है।सम्मेलन में कवियों ने जहां मोदी सरकार की नीतियों को सराहा।महात्मा गांधी एवं स्वतंत्र भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर बुधवार की रात आठ बजे शुरू हुए कवि समेलन का शुभारंभ आयोजक मंडल  द्वारा दीप प्रज्वलित एवं गाँधी जी व शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।जिसकी अध्यक्षता एटा से आए कवि बलराम सरस ने की।कार्यक्रम का संयोजन ओज के कवि कमल कांत तिवारी ने किया।जिसमें दूर-दूर से आए कवियों ने एक से बढ़कर एक रचना सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।श्रोताओं ने हास्य की कविताओं पर खूब ठहाके लगाए और जमकर तालियां बजाई।दातागंज से आए श्रंगार रस के कवि मुकेश 'कमल' ने जब गीत पढा़ तो श्रोता भाव विभोर हो गये। 


उन्होंने कुछ यूं कहा....
तू हथेली की भाग्य रेखा है।
कितना अनमोल अपना लेखा है ।।
जब से देखा है तुमको हमने सनम ।
कुछ और नहीं हमने देखा।।


उन्नाव से पधारे श्रेष्ठ गीतकार ध्रुव त्रिपाठी ने गीत पढ़ ऐसा समा बांधा के लोग तालियां बजाने को मजबूर हो गए उन्होंने अपने गीत को कुछ यूं पढ़ा.....
जाने क्यों इंकार लिख दिए अपनी जीत को हार लिख दिए।
सुबह को प्रस्तावना लिखी और शाम को उपसंहार लिख दिए।।


बदायूँ के ओजस्वी कवि कमल कान्त तिवारी ने अपनी ओजस्वी वाणी से पाकिस्तान को ललकारते हुए रचना पढ़ी.....
भारत माता पर विपदा के बादल फिर से छाऐ हैं।
आतंकी नापाक इरादे ले सीमा में आऐ हैं।
समय नहीं सोने का यारों अपनी आँखों को खोलो ।
सावरकर बलिदानी झाँसी रानी की जय जय बोलो ।
दूर करो माता की विपदा तज कर भोग विलासों को।
शूरवीर रणधीरों पहनों अब तुम युद्ध लिवासों को।
अपनी चढ़ती हुई जवानी मित्रों मत बेकार करो।
फुलझडियों से मत खेलो और एटम बम तैयार करो।


कार्यक्रम का संचालन कर रहे शाहजहाँपुर के जोशीले कवि उर्मिलेश सौमित्र ने अपनी कविता यूँ कही....
जिसे देख छाती थर्राई आंधी और तूफान की।
एक बार फिर वही जवानी दे दो हिन्दुस्तान की
बदायूँ के कवि आनंद 'अधीर' ने पढा़...
दिनकर न अस्त होगा जयद्रथ के वध से पहले ।
मत हो अधीर अर्जुन कुछ क्रोध और सह ले 
तेरा प्रण न भंग होगा विश्वास रख धनुर्धर 
संघर्ष की लहर में कुछ देर और वह ले


हरदोई से पधारे युवा कवि शोभित तोमर,एटा के सत्यवीर सिंह, गोपाल पाठक, डाँ राकेश यदुवंशी ने भी काव्यपाठ किया। श्रोताओं ने जमकर कवियों का उत्साहवर्धन किया। नगर के प्रबुद्ध लोगों ने गाँधी जयंती पर पालीथीन का प्रयोग न करने का प्रण लिया। कार्यक्रम प्रभारी हरदेव गंगवार ने समस्त अतिथियों को अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया।कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि संजय चौहान ने आये हुए कवियों का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम के आयोजक में चक्रवीर चौहान, रमन जायसवाल, अजय सक्सेना, अजय गुप्ता, दिनेश पाण्डेय, राहुल यदुवंशी, प्रेमपाल गंगवार, सुदीप गुप्ता, अजीत सिंह कपिल यादव, सौरभ पाठक, विनीत शर्मा सहित नगर के कई प्रबुद्ध जन उपस्थिति रहे।


रिपोर्टर:- कपिल यादव