जिला अस्पताल में जरूरी दवाओं का टोटा,मरीज परेशान


बरेली:- जिला अस्पताल में इलाज के लिए जरूरी दवाओं का टोटा हो गया है।अस्पताल में बुखार दर्द बीपी और शुगर की दवाएं भी खत्म हो चुकी है।अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने काफी पहले ही दवाओं की डिमांड भेज दी थी लेकिन अभी तक आपूर्ति नहीं मिली है। हालांकि जल्दी आपूर्ति मिलने की संभावना है। जिला चिकित्सालय में गंभीर बीमारियों का इलाज तो छोड़िए। सामान्य बीमारी के इलाज को भी दवाई नहीं मिल पा रही हैं। आयरन की गोलियां भी नहीं है। प्रोस्टेट में दी जाने वाली यूरी मैक्स डी, इलेक्ट्रोलाइट, त्वचा रोग के ट्यूब का भी जबरदस्त संकट है।सांस के मरीजों के लिए भी दवाएं खत्म हो चुकी हैं। इनहेलर भी मरीजों को नहीं मिल पा रहे हैं। ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए मेट्रोप्रोलाल, इकोस्प्रिन समेत कई जीवन रक्षक दवाएं भी अस्पताल में नहीं है। सीने में दर्द में दी जाने वाली मोनोनाइट्रेट, दिल की बीमारी के इलाज को दी जाने वाली निकोरेंडिल, नाइट्रोकॉन्टिन खत्म हो चुकी है। ब्लड प्रेशर की दवा, रैसिप्रिल व प्रोपनोलाल की भी किल्लत है।


विटामिन व कैल्शियम की टेबलेट भी नहीं
दवाओं की किल्लत महिला अस्पताल में दिखाई दे रही है।अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली विटामिन, आयरन और कैल्शियम की गोलियां भी पर्याप्त मात्रा में उनको नहीं मिल पा रही है। स्टाक कम होने की वजह से महिलाओं को पांच पांच दिन की दवा दी जा रही है। एस्प्रिन,पेरासिटामोल रेटीडीन, नाइट्रोग्लिसरीन, एंटासिड, अल्प्राजोलम, मेटफर्मिन, सिट्राजिन लोराजिपाम, जैसी साधारण दवाइयां तक नहीं है।


दवाइयों की डिमांड काफी पहले भेज दी गई थी। शनिवार की शाम तक जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति मिलने की संभावना है। विशेष परिस्थितियों में बाजार से दवाएं खरीदी भी जा सकती हैं। मरीजों को दवाओं के लिए परेशानी नहीं होने दी जाएगी। टीएस आर्य, सीएमएस


रिपोर्टर:- कपिल यादव