इटावा:- जसवंतनगर/बलरई थाना क्षेत्र के अंतर्गत लगने बाला माता ब्रह्माणी देवी का मेला क्वार महीने की नवरात्रि में वरसात की फुहारों के साथ श्रद्धालु डीजे की धुन पर थिरकते हुए झंडा चढ़ाने के लिए माता के दरबार में आते है झंडा चढ़ाते है।
उपजिलाधिकारी नम्रता सिंह ने ब्रह्माणी देवी मन्दिर पर दर्शन करने के साथ ही मेला परिसर का निरीक्षण किया व्यवस्था को चाक चौबंद पाया महन्त भुवनेश मिश्रा, पूजारी प्रतीक्षा मिश्रा से काफी देर मेले के बारे में जानकारी प्राप्त की। ऐसा माना जाता है कि माँ ब्रह्माणी देवी पर झंडा चढ़ाने से मन्नते पूरी होती हैं, यही कारण है कि लोग अपनी मनमांगी मुरादें पूरी करने के लिए यहाँ झंडा चढ़ाते है।
ब्रह्माणी देवी पर झंडा
आगरा, भिण्ड, ग्वालियर,धौलपुर मैनपुरी, औरैया जनपद एवं अन्य कई राज्य के साथ आस-पास के क्षेत्र की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है यह सिद्धपीठ माँ ब्रह्माणी देवी मंदिर, यह जगह/मंदिर/ क्षेत्र स्वयं में ही बरमानी नाम से भी प्रसिद्ध है। मंदिर के गर्भग्रह का निर्माण बीसा यंत्र के साथ स्वयं आदि शिल्पी विश्वकर्मा जी ने द्वादश/12 द्वार तथा नौ ग्रहों की स्थापना के साथ निर्मित किया था। स्थानीय बुजुर्ग लोगों के अनुसार मंदिर क्षेत्र के आस-पास नौ कुएँ भी स्थापित हैं।
ऐसी मान्यता है कि यमुना नदी के पार्श्व में बलरई के बीहड़ों के बीच स्थित यह मंदिर आदिकालीन शक्ति पूजा का स्मरण कराता है। मंदिर की स्थापना के संबंध में विभिन्न मत हैं।
प्रचलित कहानी के अनुसार: महाराजा भदावर माता ब्रह्माणी को म्यांमार/बर्मा देश से एक शर्त पर लेकर आये थे। शर्त ये थी जिस जगह तुमने पीछे मुड़कर देखा में वही रुक जाऊंगी इसी जगह पर आकर राजा को एक आवाज सुनाई दी तो राजा ने पीछे मुड़कर देखा तो माता की मूर्ती ने विशाल रूप धारण कर लिया, और शर्त के अनुसार मंदिर का निर्माण महाराजा भदावर ने करवाया था। भदावर के राजा द्वारा मंदिर की स्थापना लगभग सन् 1500 के आस-पास हुई थी। आज भी भदावर क्षेत्र का शाही परिवार माता को अपनी कुल देवी मानता है, तथा समय-समय पर पूजा अर्चना करने आता रहता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार वर्ष में 3 बार चैत्र, अषाढ़, तथा अश्विन/क्वार के महीनों में मंदिर पर हर्षोल्लास एवं शांति के साथ विशाल मेले का आयोजन होता है। मुख्यतया चैत्र नवरात्रि में यहां अधिक भीड़ होती है। मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं माता के दर्शन करने आते हैं। माता ब्रह्माणी की कृपा से हज़ारों की संख्या में झंडा/नेजा चढ़ाए जाते हैं। पुलिस प्रशासन भी मेले की सुरक्षा हेतु सी सी टीवी कैमरे तथा अतिरिक्त सुरक्षा बल की मदद से पूरे मेले पर नजर रखता हैं।
वर्तमान में, मंदिर प्रांगण के साथ भगवान शिव तथा श्री हनुमंत लाल का मंदिर भी स्थापित है। भक्त माता के दर्शन हेतु विभिन्न प्रकार से माँ की पूजा-अर्चना करते हैं। कई बार लेट-लेट कर, तो कई बार किलोमीटर दूर पैदल चलकर देवी माँ को प्रसन्न करते हैं। प्रचलित नाम: बरमानी, बरमानी मंदिर, माँ ब्रह्माणी देवी मंदिरमुख्य आकर्षण फिरोज़ाबाद, मैनपुरी और इटावा के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
रिपोर्टर:- सुबोध पाठक