यूपी शिक्षक भर्ती में बहुत बड़ा बदलाव, परीक्षा से पहले ही रेस से बाहर हुए यह अभ्यर्थी, नहीं बन पाएंगे सरकारी टीचर


 


लखनऊ:-. सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती (UP Primary School Shikshak Bharti) के लिए एनआईओएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग) (NIOS) (National Institute of Open Schooling) से डीएलएड करने वाले पात्र नहीं है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) (NCTE) (National Council of Teacher Education) ने इस संबंध में स्पष्ट कर दिया है कि स्कूलों में पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षक एनआईओएस से डीएलएड कर सकते हैं लेकिन शिक्षक भर्ती में इसे मान्यता नहीं दी गई है।


एनआईओएस (NIOS) 18 माह का डीएलएड कोर्स (D.L.Ed 2019) करवाता है लेकिन एनसीटीई (NCTE) ने बिहार राज्य को भेजे गये स्पष्टीकरण में साफ किया है कि यूपी शिक्षक भर्ती (UP Shikshak Bharti) के लिए न्यूनतम शिक्षक योग्यता में कोई छूट नहीं दी जाएगी। सरकारी, सहायता प्राप्त या निजी स्कूलों में पहले से पढ़ा रहे शिक्षक यदि प्रशिक्षित नहीं है तो वे एनआईओएस (NIOS) के माध्यम से 18 महीने का डीएलएड कोर्स (D.L.Ed Course) कर सकते हैं।


ऐसे मिलती है यूपी शिक्षक भर्ती से सरकारी नौकरी


एनसीटीई (NIOS) ने यह भी कहा है कि एनआईओएस (NIOS) (National Institute of Open Schooling) ने 22 सितम्बर 2017 के आदेश के बाद सरकारी, प्राइवेट और अनुदानित प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए ही डीएलएड (DLEd) कार्यक्रम चलाया है। यह कार्यक्रम मुख्यता इसी उद्देश्य से चलाया गया है क्योंकि 2011 में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद कई ऐसे स्कूल हैं, जहां अप्रशिक्षित शिक्षक पढ़ा रहे हैं। पूरे देश में एनआईओएस (NIOS) से लगभग 12 लाख युवाओं ने डीएलएड किया है। लिहाजा ये युवा अब कोर्ट जाने की तैयारी में है। यूपी में शिक्षक भर्ती (UP Shikshak Bharti) के लिए स्नातक के बाद दो वर्षीय डीएलएड (प्रचलित नाम-बीटीसी (BTC)), टीईटी (UPTET) और शिक्षक भर्ती (Shikshak Bharti 2019) की लिखित परीक्षा ली जाती है। इसके बाद ही य़ूपी शिक्षक भर्ती मेरिट (UP Shikshak Bharti Merit) बनाई जाती है।


रिपोर्टर:- डॉ आशीष त्रिपाठी