विश्व गिद्ध दिवस विशेष, स्वच्छता अभियान के प्राकृतिक सेनानायक है गिद्ध - डॉ आशीष त्रिपाठी


 


इटावा:- पर्यावरण संरक्षण के लिये जनपद में पिछले दो दशकों से कार्यरत संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजेर्वशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वल्चर डे (विश्व गिद्ध दिवस) पर एक दिवसीय वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन शहर के आर्यकन्या इंटर कालेज इटावा में आज आयोजित किया गया।


विद्यालय की लगभग एक सैकड़ा से अधिक छात्राओ ने विद्यालय की सभी शिक्षिकाओं के साथ वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता की।


कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती मां के चित्र पर अतिथियों द्वारा पुष्प अर्पण के साथ शुरू हुआ। राधा, तान्या,कात्यानी, पूजा, सिमरन, मौनी ने सामूहिक सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथियों के परिचय के साथ प्रधानाचार्या शशिप्रभा यादव ने गिद्ध के प्रकृति में महत्व व भूमिका पर प्रकाश डालते हुये उसकी उपयोगिता बताई व कहा कि जटायु गिद्ध हमारे पूर्वजों के समय से ही आज भी पूज्यनीय है अतः हमें इन पक्षियों को सम्मान की दृष्टि से अवश्य ही देखना चाहिए।


पर्यावरणविद एवं वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि अब इनकी घटती संख्या को देखते हुये गिद्ध एक संकटग्रस्त प्रजाति घोषित हो चुका है। 1980 के दशक तक ऐसा नही था लेकिन लगातार पशुओं को दी जाने वाली दर्द निवारक दवा डायक्लोफिनेक के प्रयोग से व अन्य कारणों से भी एक दशक बाद सन 1990 तक इनकी संख्या 95% तक घट गई जो कि चिंता का विषय था और वही स्थिति आज भी बनी हुई यथावत है। राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों व जागरूकता से कुछ सफलता अवश्य मिल रही है लेकिन अब इस जागरूकता को वैश्विक स्तर पर एक बड़ा अभियान बनाने की आवश्यकता भी है। उन्होंने बताया कि विश्व मे गिद्ध की लगभग 23 प्रजातियां पाई जाती है। जिनमे 15 ओल्ड वर्ल्ड व 8 न्यू वर्ल्ड की प्रजातियां है । हमारे भारत मे लगभग 9 प्रकार के गिद्ध पाये जाते है। अकेले यू पी में 8 प्रकार के गिद्ध पाये जाते है जिनमे 5 रेजीडेंशियल व अन्य माइग्रेटरी प्रजाति के है। औसतन एक गिद्ध अपने जीवन मे 11 हजार यूएस डॉलर की कीमत की सफाई सेवा समाज को देता है जो कि आज अपना आतित्व बचाये रखने के संकट से जूझ रहा है। इनका अस्तित्व अब हमारे ही हाथों में है अतः इन्हें बचाने के लिये हम सबको ही अब पहल भी करनी होगी।


कार्यक्रम में उपस्थित प्रखर प्रेरक वक्ता अमित तिवारी ने कहा कि,समाज मे आज छात्राओ व महिलाओं की सक्रियता बढ़ाने की अति आवश्यकता है महिलाये पुरुष से ज्यादा मेहनती व कर्तव्यनिष्ठ होती है इसलिये वह समाज मे अबला बिल्कुल नही है बल्कि सृष्टि की ये जन्मदात्री अपने अंतर्निहित गुणों को पहचान नही पा रही है अब इन्हें भी आगे बढ़ने का मौका अवश्य देना चाहिये ये भी हर एक क्षेत्र में मेहनत से अपनी अलग पहचान बनाने की अदभुद क्षमता अवश्य रखती है।


विद्यालय की इको क्लब समिति की प्रभारी श्रीमती रेखा जाटव ने अपने उद्धबोधन में पर्यावरण संरक्षण का संदेश समस्त छात्राओ को दिया। सह प्रभारी राखी देवी व मंजू दुबे ने इको क्लब की छात्राओ शुभि, अनन्या, रोशनी, अंजली, सादमा, बुसरा, इरमनाज, आकांक्षा, कोहिनूर, कोमल, स्नेहा, दिया, स्नेहा, दिव्यांशी, यशवी को वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। संगीत शिक्षिका दीपाली पटेल व पूजा के निर्देशन में कक्षा 7 की छात्रा अनमोल ने ढोलक की धुन पर सुंदर भजन प्रस्तुत किया। अंत मे प्रधानाचार्या शशिप्रभा यादव ने कार्यक्रम में आये अतिथियों का आभार प्रकट किया। मंच संचालन वर्षा गुप्ता ने किया।


रिपोर्टर:- डॉ आशीष त्रिपाठी