मुम्बई हाईकोर्ट में रबड़ फैक्ट्री की जमीन के लिए जंग लड़ेगा प्रशासन


बरेली:- फतेहगंज पश्चिमी रबड़ फैक्ट्री की जमीन के मालिकाना हक की लड़ाई अंतिम दौर में पहुंच गई है। लेंडर्स कोर्ट के बाहर आपसी समझौते से मामले को हल करने पर सहमति जता चुके हैं। अब मुंबई हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे में बरेली प्रशासन भी पक्षकार बनेगा।शासन ने मुंबई हाईकोर्ट में पक्षकार बनने के लिए याचिका दाखिल करने को कहा है। ताकि मुंबई हाईकोर्ट में प्रशासन अपने पक्ष को मजबूती के साथ पेश कर सके। बंद रबड़ फैक्ट्री की 13 सौ एकड़ जमीन वापस लेने के लिए प्रशासन करीब दो साल से कोशिश कर रहा है। प्रशासन ने लीज की शर्तों का हवाला देते हुए जमीन पर अपना मालिकाना हक बताया है।लखनऊ डीआरटी ने बरेली प्रशासन के पक्ष में निर्णय भी दिया है। रबड़ फैक्ट्री को लोन देने वाली एजेंसी अलकेमिस्ट ने मुंबई हाईकोर्ट में केस दायर किया था। एजेंसी ने रबड़ फैक्ट्री के मालिक को पार्टी बनाया है। बरेली प्रशासन को पार्टी ही नहीं बनाया गया था। हाईकोर्ट के निर्णय के बगैर मामले का निस्तारण नहीं किया जा सकता। 20 सितंबर को लखनऊ में प्रमुख सचिव की मौजूदगी में लेंडर्स और रबड़ फैक्ट्री से जुड़े सभी पक्षों के प्रतिनिधियों की मीटिंग हुई थी। लेंडर्स ने करीब 300 करोड़ की अपनी देनदारियां बताई हैं। जबकि रबड़ फैक्ट्री के कर्मचारियों ने 270 करोड़ का बकाया बताया।करीब 600 करोड़ की देनदारियां रबड़ फैक्ट्री पर बताई जा रही हैं।शासन देनदारियों का भुगतान करके रबड़ फैक्ट्री की जमीन वापस लेने को तैयार है।इसके लिए मुंबई हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे में बरेली प्रशासन पक्षकार बनेगा। हाईकोर्ट में पैरोकार के जरिये बरेली प्रशासन अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज पेश करेगा। शासन के आदेश के बाद प्रशासन ने मुंबई हाईकोर्ट में पक्षकार बनने की तैयारी शुरू कर दी गई है।


रिपोर्टर:- कपिल यादव