जोखिम भरा है गड्ढों में तब्दील सड़कों से गुजरना


बरेली:- फतेहगंज पश्चिमी कस्वे व गांवो की सड़कें चलने लायक नहीं रह गई है।कहीं डामर गायब हो गया है तो कहीं गिट्टी बाहर झांक रही है। सड़कों पर गहरे-गहरे गड्ढे हो गए हैं। बारिश का पानी भरने कहीं गड्ढा तो कहीं जलाशय सा नजर आने लगता है। बारिश के दिनों में तो इन सड़कों से गुजरना किसी जोखिम से कम नहीं है।खासतौर पर गांव-कस्बों को जाने वाली सड़कों का तो और भी बुरा हाल है।पूरे जिले में सिर्फ हाईवे को छोड़ दिया जाए तो शायद ही ऐसी कोई सड़क होगी,जहां वाहन फर्राटा भरते हों।गांवों की सड़कों का हाल तो यह है कि चाहे भीतर की रोड हो या मुख्य संपर्क मार्ग किसी में गड्ढे न हों ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। अब जब बारिश का मौसम है तो इन जर्जर सड़कों का सफर और भी कष्टकारी हो जाता है।ग्रामीणों की मानें तो नाते रिश्तेदारों का आना-जाना बंद, शादी-ब्याह किसी मुसीबत से नहीं कम और अस्पताल व स्कूल की तो सोचकर ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं। कुल मिलाकर गांव तक जाना बरसात में नाकों चने चबाने के बराबर है। ऐसा ही हाल जनपद बरेली के कस्बा फतेहगंज पश्चिमी से भोलापुर तक जाने वाले मार्ग का है।समाजसेवी डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि सड़क पर इतने बड़े बड़े गड्ढे है कि वाहन में बैठा सवार कई बार उछलता है और पीछे बैठा व्यक्ति बेफिक्र रहा तो गिरता है। इस मार्ग से जुड़े गांव चिटौली, टीहरखेड़ा, पनवडिया और भोलापुर हैं।प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता किशन लाल यादव कहना हैं कि योगी सरकार बनते ही सड़के गड्ढा मुक्त होने का ऐलान हुआ था उसी के तहत इस सड़क पर साल भर पहले गड्ढों को भरा गया था लेकिन जिसमे गड्ढे भरने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। अब यह मार्ग जगह-जगह से उखड़ गया है। पनवडिया में चन्द्रपाल सिंह यादव का कहना है कि इन गड्डों में अक्सर टेंपो, आटो व ई रिक्शा, मोटरसाइकिल उलझकर पलट जाते हैं। जिससे उसमें सवार लोग चुटहिल भी हो जाते हैं।


रिपोर्टर:- कपिल यादव