भूमिहीन मजदूर वेद प्रकाश पात्र होते हुये भी ग्राम सेक्रेटरी की कारगुजारी से प्रधानमंत्री आवास के लिये लगा रहा अधिकारियों के चक्कर


इटावा:- बसरेहर ब्लॉक के आशानंदपुर ग्राम का गरीब भूमिहीन मजदूर वेद प्रकाश पात्र होते हुये भी ग्राम सेक्रेटरी की कारगुजारी से प्रधानमंत्री आवास के लिये लगा रहा अधिकारियों के चक्कर।


मामला है प्रधानमंत्री आवास योजना  का जिसमे गरीब मजदूर वेद प्रकाश जिसके पास अब अपना कोई पक्का मकान नही है जो कच्चा मकान उसके हिस्से में था वह इस बरसात में गिर गया । अब वह अपने परिवार के साथ टूटे मकान की दीवारों में फ़टी पॉलीथिन के साये में अपने 3 नाबालिग बच्चो संग साथ गुजर कर रहा है ।


जनपद की 2 नाबालिग मासूम गरीब बेटियाँ गौरी 6 वर्ष व भावना 5 वर्ष के सर पर अब कोई भी पक्की छत ही नही है उनके टूटे घर मे लाइट भी नही है अब प्रश्न ये है कि,कैसे पढ़ेंगी और कैसे आगे बढ़ेंगी जनपद की ये दौनो बेटियाँ ।


पीड़ित वेद प्रकाश के अनुसार ग्राम प्रधान व ग्राम सेक्रेटरी से उसने प्रधानमंत्री आवास योजना में अपना नाम शामिल करने के लिये कई बार की मिन्नते लेकिन उसकी किसी बात का उन पर कोई भी असर नही हुआ । पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने के बाद भी जब फाइनल रिपोर्ट लगाने की बात हुई तब ग्राम सेक्रेटरी की तरफ से रिपोर्ट लगाकर उसे अपात्र ही घोषित कर दिया गया। जिससे अब उसका परिवार बेहद दुखी है उसके सामने समस्या है कि वह अपने नाबालिग बच्चो उम्र 6 वर्ष 5 वर्ष व 4 वर्ष जिसमे दो बेटियां गौरी भावना व पत्नी नेमा देवी के साथ अपनी जिंदगी टूटे फूटे मकान में कैसे गुजर बसर करेगा अब सवाल यह है कि बरसात के मौसम में इस परिवार के किसी भी सदस्य साथ भविष्य में कोई अप्रिय दुर्घटना घटित हुई तो उसकी जिम्मेवारी कौन लेगा ।


रिपोर्टर:- डॉ आशीष त्रिपाठी