बदनाम थाना,हर छः महीने में बदले थानेदार व चौकी इंचार्ज


बरेली:- फतेहगंज पश्चिमी, स्मैक की मंडी के नाम से जाने वाला कस्बा भ्रष्टाचार के लिए बदनाम हो चुका है। इसके थाने के थानेदार व कस्वे के चौकी इंचार्ज की सीट भी अंगारों के आसन से कम नहीं है। स्मैक तस्करी, भ्रष्टाचार, गो तस्करी, रेत के अवैध खनन से लेकर मीट की अवैध सप्लाई का सारा रूट इसी थाने की सीमा से है, इसलिए विवाद भी यहां बहुत ज्यादा है। इसका खामियाजा थाना प्रभारियों व चौकी इंचार्ज को भुगतना पड़ता है। फतेहगंज पश्चिमी में तीन से छः माह से ज्यादा चौकी इंचार्ज व थाना प्रभारी नही रुकते है। ऐसा ही ताजा मामला कस्वे में दो माह में आउट हुए चौकी प्रभारी प्रवीण बैनिवाल को बरेली के वार्डर सिरौली थाने में भेज दिया गया।स्मैंक तस्करों की सांठगांठ के चलते भाजपाइयों व पुलिस कर्मियों में नही बनती है।थाने में चाहे वो इंस्पेक्टर हो या चौकी प्रभारी जो आता है उसे नगर के अरबपति तस्कर ऐसा सेट कर देते हैं कि भाजपाइयों की केंद्र व प्रदेश में सरकार होने के वावजूद भी उनकी न सुनने का रोना लगभग हर तीन से छः महीने में फूट पड़ता है।इसका महत्त्वपूर्ण कारण सबसे बड़ा एक और है कि पूर्व की बसपा व सपा सरकारों में तस्कर बड़ा चंदा देकर खुद सत्ता के बड़े सफेद पोश नेता बन जाते थे। भ्रष्टाचार मुक्त का नारा देने वाली सरकार में किसी तस्कर की एंट्री नही हो पा रही।कुछ एक नए अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश के नेताओ के माध्यम से शामिल होने की कोशिश की।मगर स्थानीय विरोध के कारण एक भी तस्कर भाजपा में शामिल नही हो सका।तस्करों को पार्टी फंड में देने वाला सारा पैसा अब केवल और केवल पुलिस में ही दिया जा रहा है तो पुलिस भी इन तस्करों के हिसाब से ही कार्य करती है। भाजपाइयों को बस थाने चौकी में चाय जरूर मिल जाती है पर सिफारिश किसी की नही चलती।यही कारण है कि कोई भी थाना प्रभारी या चौकी इंचार्ज कुछ दिन में ही सत्ताधारी नेताओ को साइड कर कमाई करबाने बालो की अंगुली पर नाचता है और ये भाजपाइयों को पसंद नही आता और चंद माह में ही इनका विस्तर बंध जाता है। इन दिनों भी स्मैंक और सट्टे का मामला प्रभारी मंत्री के सामने खूब छाया रहा। यहां तक की गुरुवार को आये प्रभारी मंत्री के तेवर देख कुछ मोहल्ले बालों ने भी भाजपा नेताओं की तरह स्मैंक और सट्टे से नगर के युवाओं को भटकने की शिकायत की गई। नगरवासियो ने प्रभारी मंत्री से अपने नाम छिपाने की शर्त पर नगर की कई गलियों में अबैध धंधों के तेजी से मकड़जाल फैलने की जानकारी दी। साथ ही तस्करों का भय भी उन्हें सता रहा है कि शिकायत करने पर वे उनपर हावी न हो जाये। मगर नगर के कुछ लोग हिम्मत कर छुप छुपाकर सर्किट हाऊस पहुँचे और नगर में फैले जाल की पूरी कहानी बताई। उन्होंने कहा कि नगर में काफी मोहल्लों में मकानों व मेन सड़क पर दुकानों को दस गुना ज्यादा रेटो में खरीदकर बड़े बड़े शोरूम बन गए हैं छोटे दुकानदार इनका मुकाबला नही कर पा रहे और कस्बे से पलायन को मजबूर हैं। नगर के खासतौर एक विशेष समुदाय के युवा बेरोजगारी से तंग आकर इस नशे के कारोबार में पड़कर एक रात में अमीर बनने का सपना देखकर बुरी तरह जकड़ रहे हैं और समय समय पर यहां से तस्करी में पकड़ने पर अपने पूरे जीवन को दांव पर लगा रहे हैं।


रिपोर्टर:- कपिल यादव