आवास योजना में फर्जीवाड़ा, पढ़े पूरा मामला 


गोंडा:- रोटी कपड़ा और मकान इंसान की सबसे पहली जरूरत है .. प्रत्येक नागरिक की यही चाहत होती है उसका एक घर हो जहां पर अपने परिवार के साथ रह सके.. आजादी के बाद से ही सरकारों ने गरीब नागरिकों के लिए कई योजनाएं बनाई ताकि उनको गरीबी से मुक्ति मिल सके...!  लेकिन भ्रष्ट सिस्टम और उस सिस्टम में बैठे हुए लोगों ने सरकार की योजनाओं पर पलीता लगाना जारी रखा। जब से मोदी सरकार ने डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा दिया है तो कई मामले खुलकर सामने आ रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला नवाबगंज ब्लॉक के महंगूपुर गांव का सामने आया जहां सन 2007 में राजेश्वरी देवी को इंदिरा आवास आवंटित कर दिया गया और कागजों में उनको पैसे का भुगतान कर दिया गया लेकिन यहां भी ब्लॉक के बाबू की मिलीभगत से पैसा राजेश्वरी देवी के खाते में ना जाकर किसी अन्य राजेश्वरी के खाते में भेज दिया गया।


गरीबी का दंश झेल रही यह है राजेश्वरी जो अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ अपना गुजर-बसर कर रही है इनको जरूरत है एक छोटे से घर की ताकि सर्दी गर्मी और बरसात में उन्हें सहारा मिल सके सन 2007 में इंदिरा आवास योजना के तहत पात्र पाया गया और कागजों की खानापूर्ति के बाद आवास आवंटन के लिए बताया गया राजेश्वरी पढ़ी-लिखी नहीं जिसका फायदा तत्कालीन सेक्रेटरी और ब्लॉक के कर्मचारियों ने उठाया राजेश्वरी को आवास का पैसा जो  उनके खाते में जाना था उनके खाते में ना भेज कर किसी दूसरी राजेश्री के खाते में भेज दिया राजेश्वरी यही आस लगाए बैठी थी उनको आवास का पैसा मिलेगा और उन्हें एक घर नसीब होगा मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित महिला के देवर संदीप पांडे ने गांव के प्रधान से प्रधानमंत्री आवास के लिए गुहार लगाई तो उन्हें बताया गया कि आपकी भाभी को आवास तो बहुत पहले ही मिल चुका है अब नहीं मिल सकता इसके बाद संदीप ब्लॉक पर गए और जब जांच पड़ताल की तो पता चला कि पैसा खाते में भेज दिया गया था।


पीड़ित महिला के देवर संदीप कुमार पांडे ने बताया कि 2007 - 08 में हमारी भाभी को इंदिरा आवास मिला था जिसे सेक्रेटरी जगदंबा प्रसाद पांडे मिलीभगत करके हमारे गांव में ही दूसरे लोगों को दे दिए हम ब्लॉक पर गए मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत किया है हमारे भैया और भाभी दोनों लोग अनपढ़ जब भाभी का हमारे खाता 2016 में खुला है तो फिर दो हजार सात - आठ में उनका पैसा किस खाते में भेजा गया। इंदिरा आवास का पैसा खाते में ही जाता है जब हमारी भाभी का खाता था ही नहीं तो फिर पैसा कहां चला गया। वहीं इस मामले पर जिले के मुख्य विकास अधिकारी आशीस कुमार ने बताया कि अभी एक प्रार्थी आए हैं उन्होंने शिकायत की है वीडियो को लेटर लिखा गया है पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी मामला काफी पुराना है पैसा किस के खाते में गया है या इसमें कौन दोषी है पैसा गया है कि नहीं जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी।


रिपोर्टर:- अतुल कुमार यादव