दस कम सौवीं  वर्षगांठ पर याद किए गये किशोर कुमार


 


प्रयागराज:- सुप्रसिद्ध गायक किशोर कुमार को उनके 90 वें जन्मदिन पर आज रात प्रयागराज स्थित उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र में प्रेक्षाग्रह में संध्या कोरस द्वारा आयोजित संगीत संध्या में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


कार्यालय की पहली पेशकश शहर के प्रतिष्ठित वास्तुविद पियूष टंडन का गाया फिल्म कोरा कागज था मधुर गीत मेरा जीवन कोरा कागज कोरा ही रह गया था। अपनी कर्णप्रिय आवाज में प्रस्तुत किस गीत ने ऐसा समां बांधा जो श्रोताओं को संगीत के ऐसे स्वर लहरियों की ओर ले गया जिसमें एक के बाद एक कोर्स संध्या के सदस्यों ने अपनी सुमधुर आवाज में किशोर दा के गाए गीत प्रस्तुत करके एक अलग ही माहौल रचा दिया।


किशोर के विभिन्न मुंडो को इतनी खूबसूरती से अलग अलग गीतो जिनमें संजीव त्रिपाठी का गया हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम फैजल आफ़ाक का आने वाला पल हर टंडन का मस्ती भरे अंदाज में गाया है जवानी है दीवानी तथा संजीव भार्गव का पल पल दिल के साथ द्वारा पेश किया गया श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए दिवाकर झा ने अनूठे अंदाज में किशोर के लिए गये मोहम्मद रफी के मन मोरा बावरा से सबका मन मोह लिया।


इसके पूर्व कार्यक्रम में प्रारंभ मैं केक काटकर किशोर कुमार का जन्मदिन मनाया गया पदों तदुपरांत उनके जीवन के कुछ झलकियो पर आधारित छाया चित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन को कोरस संध्या के सदस्य तथा जाने-माने व्यवसाई से हर्ष टंडन की माताजी राजू टंडन द्वारा किया गया।


संगीत संध्या का उद्घाटन कोरा संध्या के संयोजकयूस पीयूष टंडन के पिता श्री के एल अंडर तथा वरिष्ठ सदस्यों श्री राजीव महेश्वरी व श्री अविनाश महेश्वरी के कर कमलों द्वारा पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम की मुख्य विशेषता का संयोजक द्वारा मंच के पाशर्व मैं प्रस्तुत किए गए गीतों को फिल्मों के दस्य में स्थिर एल आई डी स्क्रीन पर पूरे कार्यक्रम का प्रसारण रही साथ ही प्रारंभ में किशोर कुमार की स्वयं की आवाज में श्रोताओं का स्वागत करना एक अनूठा आकर्षण था। संचालक द्वारा बिना टंडन तथा प्रीति भार्गव ने अपनी शादी हुई आवाज से कार्यक्रम की मधुरता को बनाए रखा। कार्यक्रम के अंत में पीयूष टंडन द्वारा सभी का आभार ज्ञापन किया गया।


रिपोर्टर:- संगीता शर्मा