लड़खड़ाकर कोर्ट में गिरे मिस्त्र के बेदखल राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी, मौत


 


लंदन:- मिस्त्र की स्टेट टीवी ने बताया है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान देश के राष्ट्रपति रहे मोहम्मद मुर्सी बेहोश होकर गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। 2012 में मिस्र में एक साल के भीतर ही दो बड़े जन आंदोलन की वजह बने मोहम्मद मुरसी का जन्म 1951 में मिस्त्र के शरकिया प्रांत में हुआ था।

होस्नी मुबारक को हटाए जाने के बाद मुर्सी देश के पांचवे राष्ट्रपति बने थे. सत्ता से बेदखल होने से पहले मुर्सी ने एक साल तक राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। मुर्सी नील डेल्टा के प्रांत शरकिया के एक गांव से आते थे और उनके चार बच्चे थे। मुर्सी ने काहिरा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। इसके बाद मुर्सी अमेरिका चले गए और वहां से पीएचडी की पढ़ाई की थी। बाद में वे जागाजिग यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख भी रहे थे। जिसके बाद धीरे-धीरे उनकी मुस्लिम ब्रदरहुड में पहुंच बढ़ी और वे गाइडेंस ब्यूरो में शामिल हो गए थे. पहले माना जाता था कि इंजीनियर होने के नाते वे राजनीति में लोगों को अपने साथ नहीं जोड़ पाएंगे लेकिन बाद में उन्होंने इस बात को गलत साबित कर दिया था। इसके बाद धीरे-धीरे मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी में मुर्सी की राजनीतिक पैठ बढ़ने लगी। मुरसी ने 2000 से 2005 तक ब्रदरहुड के संसदीय ब्लॉक में बतौर निर्दलीय काम किया। 2012 में मुबारक के सत्ता से हटने के बाद मुर्सी फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष बने। राष्ट्रपति बनने के दौरान वे मुस्लिम ब्रदरहुड की पहली पसंद नहीं थे हालांकि बाद में उन्होंने अपनी फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी के नेता को उम्मीदवार बना दिया. जिसके बाद वे होस्नी मुबारक के बाद राष्ट्रपति बन गए। कई मामलों में आजीवन कारावास और एक में मौत की सजा बाद में जब वे राष्ट्रपति के पद से हटा दिए गए तो उन पर होस्नी मुबारक के दौर में उन्हें 2011 के एक जेलब्रेक के एक मामले में दोषी पाया गया। इस मामले में उन्हें फांसी की सजा हुई थी। इसके अलावा जासूसी के कई मामलों में उन्हें आजीवन कारावास की सजा हो चुकी थी. ऐसे ही एक मामले की सुनवाई के दौरान वे अदालत में मौजूद थे, जब उनकी मौत हो गई।