ईस्वर की भक्ति से मिलती है मुक्ति


 


इटावा/जसवंतनगरः- श्री भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ क्षेत्र के ग्राम राजपुर में प्रारम्भ हुआ इस अवसर पर कथा व्यास के निर्देशन में श्रद्धालुओं ने मंगल कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा का कई स्थानों पर लोगों ने स्वागत किया। पहले दिन कथा व्यास ने कलश यात्रा के महत्व के बारे में बताया।


कलश यात्रा की शुरुआत कथा पंडाल से प्रारम्भ होकर राजपुर नहर के पुल तथा विभिन्न मार्गो से होती हुई अपने गन्तब्य स्थान पर आकर समाप्त हुई इस दौरान महिला श्रद्धालु पीत वस्त्रों में कलश सिर पर रखकर चलीं। वहीं श्रद्धालु भजनों पर नाचते हुए यात्रा में चले। कलश यात्रा के कथा स्थल पर पहुंचने पर कथा व्यास आचार्य श्री देवेन्द्र द्विवेद्वी जी ने कहा कि हिन्दू रीति के अनुसार जब भी कोई पूजा की जाती है तो उसमें कलश स्थापना अनिवार्य है। क्योंकि जल से भरे कलश को मानव शरीर का प्रतीक माना जाता है। कलश में जल मानव शरीर में आत्मा के समान है। इसीलिए खाली कलश अशुभ माना जाता है। कलश को शांति का संदेश वाहक भी माना जाता है। इस भागवत कथा मे परिश्रित की भूमिका डा0 अजीत नारायन चौधरी, तथा उनके धर्मपत्नी सरला देवी, यज्ञपति गिरजाशंकर चौधरी, श्रीमती गीता देवी है। इस भगवत कथा की व्यवस्था के लिए योगेन्द्र चौधरी, रामनरेश चौधरी, राजेन्द्र चौधरी, सौरभ दुवे, कप्तान सिंह कुशवाह, अतुल दुवे आदि है।


रिपोर्टर:- सुबोध पाठक