मेरा बाप ही है मेरी माँ का हत्यारा


 


बहराइच:- कहते हैं कि इस जहां में तरह-तरह के कुत्सित विचारधारा के लोगों की कमी नहीं है, चाहे मामला बच्ची का हो, बेटी का हो,या फिर पत्नी का ही क्यों ना हो क्रूरता ने लगभग सभी मामलों में अपनी व्यापकता का असर समय-समय पर लोगों को न सिर्फ दिखाया है बल्कि ऐसे ज्यादातर मामलों में लगभग हर स्तर पर नाटकीय क्रम भी अपना तमाशा दिखाने से बाज नहीं आया है।और यहां भी जो मामला है उसमें भी खुद अपने पति की शिकार हुई महिला के विवादित बयानों को अपना हथियार बनाकर पुलिस द्वारा ना सिर्फ मृतका की बेटी के बयानों को दरकिनार किया गया है बल्कि तमाम लोगों को सच्चाईयों से दूर रखने का प्रयास भी किया गया है।


मामला मोहल्ला बख्शी, पुरा थाना दरगाह शरीफ का है और यदि मामले में बयानों पर ही गौर किया जाए तो मृतका शहनाज द्वारा अपने पूर्व बयान में पति को निर्दोष मानते हुए खाना बनाते समय गैस सिलेंडर से आग लगने की बात तो जरूर बताई गई है लेकिन मौके पर मौजूद उसकी बेटी मुस्कान का कहना था कि उसकी मां को उसके बाप अमीन ने आग लगा कर जलाया है और जब मेरी माँ दूसरे कमरे से चिल्लाती हुई बाहर निकली तो उस पर चद्दर हमने ही डाला था। मुस्कान का यह भी कहना था कि वह मेरी मां के साथ साथ मुझे भी मारता पीटता था और गाली गलौज करने के साथ साथ बाहर से पैसे कमाने की बात भी करता था।


जब उससे पूछा गया कि तुम्हारी मां तो गैस से आग लगने की बात कह कर अपने पति को बेकसूर बता रही है तो उसने कहा कि हमारी मां पर दबाव डालते हुए कहा गया था कि यदि तुमने हमारे पक्ष में बयान नहीं दिया तो ना तो हम तुम्हारा इलाज करवाएंगे और ना ही तुम्हारे बच्चों की परवरिश करेंगे। इसीलिए हमारी मां ने झूठा बयान मजबूरी में दिया था।


वहीं मृतका की मां का कहना है कि मुझे तो कुछ पता ही नहीं है मैं तो खुद सुबह 11:00 बजे यहां पहुंची हूं मैं तो इतना ही जानती हूं जितना मेरी नतिनी बयान दे रही है। जबकि अपने मामू की लड़की बता रही रज्जन का कहना था कि जब वह थाना दरगाह पहुंची तो उसके व उसके साथ आए लोगों के साथ अच्छा सलूक नहीं किया गया और पूछने पर एसओ ने बताया कि वह मेडिकल कॉलेज में भर्ती है उसने अपना बयान दे दिया है अब तुम लोग कुछ नहीं कर पाओगे जाकर उसका दवा इलाज करवाओ अब उसका बचना मुश्किल है।


जब हमारे जिला प्रभारी द्वारा एस0एच0ओ0 थाना दरगाह शरीफ के सेल फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उनका सेल फोन आउट ऑफ नेटवर्क बता रहा था। लेकिन जब सीओ सिटी के सेल फोन पर बात की गई तो उन्होंने मामले की जानकारी कर कॉल बैक करने की बात कही और थोड़ा वक्त बीतने के बाद कॉल बैक कर उन्होंने बताया कि मामला तीन-चार दिन पहले का है खाना बनाते समय उसके दुपट्टे में आग लग गई थी जिसे बुझाने में उसका पति भी जल गया था। उसे यहां से ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया था।जहां वह एडमिट है जब उनसे कहा गया कि उसकी बेटी मुस्कान का कहना है कि उसके पिता ने ही मां को जलाकर मार डाला है तो उन्होंने कहा कि यहां अभी कोई डेड बॉडी नहीं आई है और न ही किसी के द्वारा कोई तहरीर दी गई है थाने में जब मामला सामने आएगा तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामला जो भी हो लेकिन यदि तरह तरह के बयानों की बात की जाए तो मामला काफी संदिग्ध नजर आता है।और यह भी कैसे संभव है कि जो बेटी अपने मां के मरने का खुलासा दिन के लगभग 11:12 बजे करती है उसकी जानकारी नगर क्षेत्राधिकारी को शाम 4:04 बजे तक कैसे नहीं हो पाती है। जबकि दरगाह थाने तक भी सभी गवाहों के साथ साथ पत्रकारों की भी आमद हो चुकी होती है।