बरेली: अज्ञात वाहन से टकराकर तेंदुआ की मौत, पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए का अंतिम संस्कार


उत्तर प्रदेश(बरेली):- दिल्ली हाईवे पर फतेहगंज पश्चिमी के पास राधा कृष्ण मंदिर पर अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से तेंदुए के मौत हो गई । मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम का अनुमान है कि वह शिकार की तलाश में रवड फैक्ट्री के जंगल में बाहर निकला होगा और हाईवे पर भारी वाहन की चपेट में आ गया। रात करीब साढ़े दस बजे राहगीरों ने कस्बे की बंद पड़ी रवड फैक्ट्री के सामने हाईवे पर तेंदुए का शव पड़ा देखा। सिर में गहरी चोट व नाक से खून बह रहा था। जिसकी सूचना थाने में दी गई। वहां से पुलिसकर्मी और बाद में वन विभाग की टीम वहां पहुंची। वन विभाग के मुताबिक उत्तराखंड के जंगल से भटक कर बंद पड़ी रवड फैक्ट्री में जंगली पशु आते रहे हैं। वन विभाग ने उसका पोस्टमार्टम भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान आईवीआरआई में कराया। 


समय रहते चेता होता वन विभाग तो बच जाती तेंदुआ की जान
पिछले काफी समय से रबड़ फैक्ट्री और आसपास के गांवों में तेंदुआ देखे जाने से ग्रामीण खौफजदा थे। पुलिस और वन विभाग को सूचना भी दे रहे थे। उसके बावजूद तेंदुआ को पकड़ने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए बल्कि वन विभाग हर बार पल्ला झाड़ता रहा। कभी कहा जाता है कि ग्रामीणों को वहम है तो कभी क्षेत्र में तेंदुआ के पैरों के निशान नहीं मिलने की बात कहकर ग्रामीणों को शांत कर दिया जाता। आखिरकार सोमवार को अनदेखी महंगी साबित हुई। तेंदुआ बंद पड़ी रवड फैक्ट्री में करीब एक साल से ठिकाना बनाए हुए था। थोड़े-थोड़े अंतराल पर आसपास के गांवों में भी देखा जाता रहा खेतों में और रास्तों पर उसके पैरों के निशान भी मिलते रहे। वन विभाग ने अब अपवाह मानकर उस पर ध्यान नहीं दिया। अब जब उसकी मौत हुई तो टीम दौड़ पड़ी। तब तक देर हो चुकी थी।


18 माह पहले रबड़ फैक्ट्री में पकड़ा गया था बाघ
बंद रवड फैक्ट्री में बाघ भी भटक कर आ गया था। यहां अपना ठिकाना बना लिया था। कई महीनों तक बाघ को देखा गया और आस पास के गांवों में बाघ की दहशत में ग्रामीणों ने अपने खेतों पर आना जाना बंद कर दिया था। वन विभाग के एक्सपर्ट की टीम ने रवड फैक्ट्री में महीनों डेरा डालकर बाघ को बेहोश करने में सफलता हासिल की थी। उसे कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया था।


ठिरिया बुजुर्ग में कई तेंदुए होने की हुई थी पुष्टि
ठिरिया बुजुर्ग में दो साल पहले दो तेंदुए होने की पुष्टि हुई थी। रबड़ फैक्ट्री में 15 दिनों से प्रतिदिन दो तेंदुए के पद चिन्ह मिल रहे थे। एक पद चिन्ह वयस्क तेंदुआ के दूसरे छोटे तेंदुआ के हैं। रबड़ फैक्ट्री के गार्ड नितिन ने बताया तेंदुए के पद चिन्ह चार माह से मिल रहे थे। 15 दिनों से रोजाना दो तेंदुयों के पदचिन्ह मिले। गार्ड रविंद्र सिंह ने बताया तेंदुए गत एक वर्ष से फैक्ट्री में ठिकाना बनाए हुए थे। शुरू के कुछ दिन वन विभाग के कर्मचारी पद चिन्ह देखने आए थे लेकिन दोबारा फिर नहीं आए।


तेंदुए के शव के साथ सेल्फी लेने में जुटे रहे लोग
तेंदुए की हादसे में मौत के काफी देर बाद तक लोगों की नजदीक जाने की हिम्मत नहीं हुई मगर धीरे-धीरे जब यह यकीन हो गया कि उसकी मौत हो चुकी है तो उसके शव के साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ मच गई। लोग शव के साथ सेल्फी लेने में ऐसे जुटे कि हाईवे पर जाम के हालात पैदा हो गए। पुलिस ने लाठियां फटकार कर जैसे-तैसे लोगों को भगाया तो हालात काबू में आए।


पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए का अंतिम संस्कार
सड़क हादसे में सोमवार की देर रात को तेंदुए की मौत के बाद मंगलवार को वन विभाग ने मृत तेंदुए का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया। रेंजर ने बताया कि  रबड़ फैक्ट्री से निकलकर राधा कृष्ण मंदिर के नेशनल हाइवे पर सड़क पार करते समय अज्ञात वाहन की टक्कर से तेंदुए की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के दस्ते ने मौके की कार्रवाई कर शव को अपने कब्जे में लेकर रेंज कार्यालय ले गए। सुबह मेडिकल बोर्ड से तेंदुए का पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद तेंदुए का अंतिम संस्कार किया।।


बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव