उत्तर प्रदेश(बरेली):- सूफी बुजुर्गो के बताये रास्ते पर चलना और उनका अनुपालन करना ही सच्चा इस्लाम है। यह उदगापर पीर सय्यद आवाद जाफरी चिश्ती निजामी सज्जादानशीन ख़ानक़ाहे इरशादिया शीशगढ़ ने हजरत सय्यद रौनक मियां अशरफ़ी हूजूर के मंसूरपुर में आयोजित सालान उर्स के मौके पर व्याक्त किये। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर गुस्सा, हसद, लालच वगैरा सैकड़ों बुराइयां हैं जो किताबो के बजाए सय्यद रौनक़ मियां हुजूर जैसे पीर वलियों की दुआ से ही खत्म हो सकती हैं। इस अवसर पर मौलाना आफाक कदीरी, मौलाना जफर वजमी तथा सय्यद अहमद मियां जाफरी ने सय्यद रौनक मियां हुजूर के बारे में शानदार तकरीरें की। हाफिज़ राशिद रंगरेज, मौलाना खलील, अशरफ़ी, मौलान हसीब चमन, हाफ़िज़ आरिफ़ रिज़वी तथा हाजी हकीम आफताब ने मनज़ूम खराजे अकीदत पेश किया खानकाहे रौनकी मंसूरपुर के सज्जादानशीन सय्यद फरहत मियां अशरफ़ी ने बताया कि सूबहा कुरान खुवानी के पशचात सरकारी चादर का जुलूस निकाला गया और मज़ार शरीफ चादर पोशी की रस्म अदा की गई। अंत में सलातो सलाम के बाद मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआ की गई। उर्स शरीफ में आसपास के अनेक गांवों के मुरीद भारी संख्या में उपस्थित थे।।
बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव