प्रियंका गांधी एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया जाएंगे राज्यसभा: दिग्विजय सिंह व मोतीलाल वोरा की राज्यसभा से छुट्टी


नई दिल्ली:- कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी मप्र से राज्यसभा जाएंगी या छत्तीसगढ़ से, इसे लेकर अटकलें तेज हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ के विश्वसनीय मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रियंका को प्रदेश से राज्यसभा भेजने की मांग उठाई थी। सोमवार को कांग्रेस के पूव प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव एवं मंत्री पीसी शर्मा ने सज्जन के सुर में सुर मिलाया और मप्र से प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजने की मांग कर डाली। दूसरी तरफ कांग्रेस के एक पदाधिकारी का कहना था कि प्रियंका मप्र नहीं, छत्तीसगढ़ से राज्यसभा जाएंगी। बता दें, कमलनाथ ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात में प्रियंका को मप्र से राज्यसभा भेजने का आग्रह किया था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस तरह का आग्रह कांग्रेस हाईकमान से कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रियंका यदि मप्र से राज्यसभा गई तो दिग्विजय सिंह के स्थान पर जाएंगी और छत्तीसगढ़ से निर्णय हुआ तो वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का स्थान लेंगी। अप्रैल 2020 में इन दोनों नेताओं का कार्यकाल पूरा हो रहा है।


दिग्विजय, जटिया, झा का खत्म हो रहा कार्यकाल....
मप्र से राज्यसभा की 11 सीटें हैं। इनमें से तीन कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, भाजपा के सत्यनारायण जटिया एवं प्रभात झा का कार्यकाल 9 अप्रैल 2020 में समाप्त हो रहा है। सदस्य संख्या के लिहाज से कांग्रेस को एक सीट का इजाफा हो सकता है। फिलहाल, दिग्विजय सिंह एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के प्रबल दावेदार हैं। सूत्रों का कहना है कि दिग्विजय के स्थान पर प्रियंका राज्यसभा जा सकती हैं जबकि दूसरी सीट पर सिंधिया या कोई अन्य जाएगा।


छत्तीसगढ़ से खाली हो रही सिर्फ एक सीट.......
छतीसगढ़ से राज्यसभा की 5 सीटें हैं। इनमें भाजपा के पास तीन और कांग्रेस के पास दो सीट हैं। कांग्रेस से मोतीलाल वोरा का कार्यकाल अप्रैल 2020 में समाप्त हो रहा है। शेष सदस्यों का 2022 और 2024 तक कार्यकाल है। छतीसगढ़ में कांग्रेस से पूर्व राज्यपाल मोतीलाल वोरा और छाया बाई वर्मा राज्यसभा सदस्य हैं। इसलिए प्रियंका यदि छत्तीसगढ़ से राज्यसभा जाती हैं तो मोतीलाल बोरा के स्थान पर जाएंगी।


दिग्विजय, सिंधिया का दावा भी मजबूत
प्रियंका की चर्चा के बीच दिग्विजय सिंह एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया का राज्यसभा का दावा कम मजबूत नहीं है। प्रदेश में कमलनाथ सरकार लाने में दिग्विजय की अहं भूमिका मानी जा रही है। दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में पार्टी की चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी की सत्ता में वापसी के बाद अपना वनवास खत्म होने की उम्मीद लिए हैं। वे मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार थे। उनके समर्थक मंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राज्यसभा भेजने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।


छतरपुर ब्यूरो:- पंकज पाराशर