इटावा:- जनाब यूं तो जब जब 5 साल में चुनाव आते है तो सारे प्रत्याशी प्रत्येक वार्डों में जनता के बीच जाकर मच्छरों की तरह ही भिनभिनाते नजर आते है। और जनता भी इन्हें अपने बीच देख कर बड़ी ही खुश होती है और ये उसी समय बड़े बड़े वादों की हिट और गुडनाइट की मशीन जनता को धीरे से बेंच कर अपने अपने AC घरो में आराम फरमाने चले जाते है अब बेचारी जनता को क्या मालूम कौन प्रत्याशी सही है या चापलूस चुनाव जीतने के पहले तो ये वादों की झडी लगा देते है और चुनाव जीतते ही गायब भी हो जाते है। अब जनता बस अपना माथा पीटती और अपने आपको कोसती ही नजर आती है।
जी जनाब हम बात कर रहे है इन दिनों हो रही बरसात की जहां पूरे देश में पानी ने कहर मचा रखा है वही इटावा भी इससे अछूता नही है। यहां भी कई इलाको में बरसात के भरे गंदे पानी ने लोगों का चैन छीन लिया है नगर पालिका के टैक्स का मीटर ऑन है पर जनता को दी जाने वाली सुविधाओ की मशीन ही खराब है जहाँ बरसाती कीड़े मकोड़ों व मच्छरों ने हर जगह रक्तबीज की तरह जन्म ले लिया है । आज हर क्षेत्र में हर वार्ड में मच्छरों का आतंक फैला है और जिम्मेदार बस अपने घरों में आराम फ़रमाकर जनता को डेंगू मलेरिया के मच्छरों का गिफ्ट पैक देकर अस्पताल भेज रहे है और डॉक्टरों की फीस की चांदी की पायल में इन्हें वोट देने वाली जनता से ही कई महंगी महंगी जांचों का एक्स्ट्रा घुंघरू भी जड़वा रहे है इस समय हर अस्पताल , पैथोलॉजी ,मेडिकल स्टोर में बस लूट ही लूट मची है हर जगह भीड़ ही भीड़ है क्यों कि यह जुलाई/अगस्त लूट का महीना जो है फिर बीमारी का ये बादल सालभर बाद ही बरसेगा।
मरता क्या न करता तो लोग बीमारी के नाम पे लुट ही रहे है। अब यही गंदगी गली गली घर घर में वायरल बुखार को भी जन्म दे रही है और हॉस्पिटल का रास्ता भी सबको बता रही है अब गरीब आदमी क्या करें उसे तो बस मच्छर भगाने की अगरबत्ती का ही सहारा है जो इन आधुनिक मच्छरों पर कम ही असर करती है । ऎसे में हर वार्ड में जनता की इस विकराल समस्या का संज्ञान लेकर मच्छर मारने की दवा का निरंतर छिड़काव करवाना चाहिये जिससे इन फैलने वाली बीमारियों में काफी हद तक़ रोक लगाई जा सके और किसी भी गरीब की जेब महंगे अस्पताल में फ़टने से बचाई जा सके।
विशेष रिपोर्ट:- डॉ आशीष त्रिपाठी