लखनऊ:- शहर में हर साल बरसात का मौसम जर्जर भवनों में रहने वालों की धड़कनों को तेज कर देता है हर साल बरसात में भवनों के धराशाई होने की घटनाएं होती हैं फिर भी ऐसे भवनों में लोग जान हथेली पर लेकर रह रहे हैं लेकिन प्रशासन में बैठे जिम्मेदार सरकारी नुमाइंदे जर्जर भवनों में रह रहे लोगों के मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है वहीं जर्जर भवनों में रहने वाले लोगों ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से उनके घर जर्जर हालात में पहुंच गए हैं कच्ची टपकती जर्जर दीवारों के बीच लोग रहने के लिए विवश है बारिश के मौसम में हमेशा छत व दीवार गिरने का खतरा बना रहता है पूरा जीवन भय की मझधार में डोल रहा है लेकिन प्रशासनिक जिम्मेदार इस बात पर जरा भी संजीदगी नहीं दिखा रहे
आवास को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई न ही उनके जर्जर मकान तोड़वाये गए ना ही नए आवास दिलाए गए वहीं लोगों ने आरोप लगाया कि जब वह अपने आवास के लिए ग्राम प्रधान यह संबंधित अधिकारियों के पास जाते हैं तो वह उनसे कमिशन की मांग करते हैं वहीं कमिशन ना देने पर उन्हें आवास देने से वंचित कर दिया जाता है।
जी हां हम बात कर रहे हैं राजधानी के मोहनलालगंज क्षेत्र की जहां पर बारिश का मौसम करीब होने के साथ लोगों के घर दरकने लगे हैं वहीं दरकते भवनों के नीचे रह रहे लोगों के सर पर मौत का खतरा हर समय मंडराता रहता है जिससे भयभीत हो कर लोग मजबूरन बरसात के इस मौसम में दरकती दीवारों के बीच रहने को मजबूर हैं जिससे कभी भी उनके साथ बड़ा हादसा हो सकता है वही इन जर्जर हालात में रहने वाले लोगों से जब लाइव टुडे ने बात की तो बताया की आवास के लिए कई बार अधिकारियों व ग्राम प्रधान के पास गए लेकिन उन्हें आवास नहीं दिया गया वहीं गांव के रहने वाले लोगों ने बताया कि कमीशन खोरी के कारण ग्राम प्रधान ने उनका नाम पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं किया ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब वह ग्राम प्रधान के पास आवास के लिए जाते हैं तो उनसे कमीशन की मांग की जाती है वही कमीशन ना देने पर उन्हें आवास की योजना से वंचित कर दिया गया जिससे आज भी वह बरसात के मौसम में जर्जर भवनों में रहने के लिए विवश हैं जो कभी भी गिर कर धराशाई हो सकते हैं।
वहीं जब इस संबंध में लाइव टुडे ने प्रशासनिक अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जर्जर भवनों को चिन्हित कराया जा रहा है जर्जर भवनों में रहने वाले लोगों को निकालकर सुरक्षित जगह पर भेजा जा रहा है और पात्रता श्रेणी में आने वाले लोगों को आवास का लाभ दिलाए जाने का कार्य किया जा रहा है।