बिजनौर:- योगी सरकार भले भ्रष्टाचार मुक्त शासन चलाने की बात करे लेकिन उन्ही के अफसर उनकी मंशा पर पानी फेरने में लगे हुए है ,,मेरठ पुलिस ने अभी दो दिन पहले ही एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया था जिसने यूपी के परिवहन विभाग में हुए करोड़ो के फर्जीवाड़े की पोल खोल कर रख दी है । मेरठ जिले की किठौर थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के सदस्यों को पकड़ा था जो अन्य प्रांतों से लाये गए ट्रकों के रजिस्ट्रेशन फर्जी एनओसी के जरिये यूपी के कई जिलों में ट्रकों के रजिस्ट्रेशन जारी कर दिए है । इस गिरोह के मुखिया ने जो खुलासा किया है उसको सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे।
सीएम योगी और पीएम मोदी देश और प्रदेश में साफ सुथरी सरकार चलाने के लिए भले ही प्रतिबद्ध हो लेकिन उनके इस प्लान पर योगी सरकार के परिवहन विभाग के अफसर पलीता लगा रहे है । अभी हाल ही में यूपी के मेरठ जिले की पुलिस ने खुलासा किया कि एक ऐसा गिरोह है जो अन्य प्रांतों जैसे पंजाब,हरियाणा,राजस्थान,मध्यप्रदेश सहित कई प्रान्तों से ट्रकों को खत्म दिखाकर यूपी के मेरठ, हापुड़, बिजनौर और बुलन्दशहर जिले के परिवहन विभाग के बाबुओं और अफसरों की मिलीभगत से उनके रजिस्ट्रेशन करा देते थे ,इस काम के बदले में 2 से ढाई लाख की रकम बाबुओं और एआरटीओ को जाती थी । बाबू और एआरटीओ फर्जी नो ड्यूज के आधार पर ट्रकों के रजिस्ट्रेशन अपने विभाग में आसानी से कर लेते थे। इस गिरोह के पकड़े गए मुख्य आरोपी रणजीत सिंह ने ये खुलासा करते हुए बताया कि यूपी के कई जिलो के बाबुओं सहित एआरटीओ प्रशासन इस गोरख धंधे में शामिल है।
जिनमे बिजनौर जिले के भी दो बाबू निहाल सिंह और किशोर सिंह सहित एआरटीओ प्रशासन आलोक कुमार भी शामिल है । इनके खिलाफ मेरठ के किठौर थाने में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है । मुकदमा दर्ज होते ही बिजनौर परिवहन विभाग के दोनों आरोपी बाबू सहित एआरटीओ फरार हो गए है । परिवहन आयुक्त लखनऊ के आदेश पर आज आरटीओ मुरादाबाद रामरतन सोनी ने बिजनोर पहुंच कर जांच शुरू की है इस जांच में पाया गया कि यूपी के 5 जिलों में इस तरह के गोरखधंदे को बखूबी अंजाम दिया गया है । और अन्य प्रांतों से लाये गए 44 ट्रकों के फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन किये गए है और इस काम के बदले में करोड़ो रूपये की रिश्वत ली गयी है । अकेले बिजनौर जिले में ही 18 ट्रकों के फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन किये गए है । जिनमे से कुछ ट्रकों की फाइल भी गायब बताई जा रही है । जांच कमेटी को भील लग रहा है कि कुछ तो गड़बड़ी हुई है । इस मामले की अगर परत दर परत खुले तो ये धंधा यूपी के बहुत से जिलों में हो सकता है । अब देखना ये होगा कि यूपी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त एआरटीओ आलोक कुमार पर कब तक कार्यवाही करती है । इतना जरूर तय है कि एआरटीओ आलोक कुमार की मुश्किलें बढ़ना तय है ।
फिलहाल एआरटीओ आलोक कुमार अपने कार्यालय से फरार बताए जा रहे है और पिछले 3 दिनों से आफिस में ताले जड़े हुए थे आज ही आफिस खुला है ।
रिपोर्टर:- लोकेन्द्र चौधरी