डॉ0 तारीख महमूद का शोध उज्वला योजना से फेफड़ो के रोग में भारी कमी


 


प्रयागराज:- भारत रत्न मदर टेरेसा गोल्ड मेडल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया डॉ तारीख महमूद ने शहर में अपना शोध किया है जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उज्ज्वला योजना की अत्यधिक सराहना की एवं आने वाले समय में महिलाओं को लकड़ी कोयला आदि से भोजन बनाने से मुक्ति के साथ प्रदूषण से एवं प्रतिकूल प्रभावों से बचाने में भी अधिक सहायता मिलने की बात कही वही ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली धुए से प्रभावित महिलाओं के फेफड़ो की कार्य क्षमता में कमी पाई गई जो भविष्य में सीओपीडी के अन्य रोग का कारण हो सकते हैं।


देश मे बढ़ते वायु प्रदूषण का प्रतिकूल प्रभाव शरीर पर पड़ता ही है किंतु फेफड़े पर इसका प्रभाव सर्वाधिक होता है शहरों में वायु प्रदूषण का मुुख्य कारण ऑटोमोबाइल से निकलने वाला धुआं तथा उद्योग से निकलने वाला धुआं का प्रभाव इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के पटाखे आदि से जलने से भी वायु प्रदूषण होता है किंतु मुख्य रूप से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का प्रदूषण होता है गांव में प्रदूषण मुख्य रूप से प्रदूषण घर के अंदर लकड़ी का कोयला एवं गोबर की कड़ी आदि के जलने से उत्पन्न हुए आदि से होता है इसके अतिरिक्त खेतों में उड़ने वाली धूल उड़ने वाली धूल प्रभाव से होता है ग्रामीण महिलाओं में 62 प्रतिशत लकड़ी में खाना 14% गोबर की गड्डी में 13% राधा में जबकि शहर में 22% लकड़ी 8% मिट्टी का तेल तथा 75% एलपीजी ऐसा प्रदेश प्राय देखा गया है कि गांव एवं शहर में रहने वाली महिलाएं जो भी खाना बनाने के लिए लकड़ी या गोबर की गंदी पर निर्भर होती है तथा शहर में रहने वाली को महिला जो गैस में भोजन बनाती हैं स्वास्थ्य स्वास्थ्य एवं फेफड़े की कार्यक्षमता में संतोषजनक अंतर होता है इस प्रकार का तुलनात्मक अध्यन गांव शहर की महिलाएं जिन्होंने जिन्होंने लकड़ी काठी में 10 वर्ष से अधिक समय से भोजन बनाया था दूसरे ग्रुप की महिलाओं ने एलपीजी गैस अधिक समय से भोजन बनाना महिलाएं जिन्होंने एलपीजी गैस में खाना बनाया तथा तीसरा दुख जिन्होंने पहले लकड़ी पंडित या कोयला में बनाया किंतु बाद में गैस चूल्हा में खाना बनाया ऐसी लगभग 400 महिलाओं के फेफड़ों में कार्य क्षमता की जांच चूल्हा में खाना बनाया और 400 महिलाओं को फेफड़ों में कार्य क्षमता की जांच लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फेफड़ा रोग विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ तारीख मामू द्वारा शोध किया गया जिन्होंने अमेरिकन थोरेसिस सोसायटी द्वारा डलास टेक्सास यूएसए में होने वाले अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में उक्त शोध को प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया।


रिपोर्टर:- संगीता शर्मा