इटावा/सैफई:- भगवान को प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती और न ही भगवान किसी लोभ लालच के भूखे है वो राजा और भिखारी को समान मानते है, समान भाव से प्रेम करते है।
ये प्रवचन सरस कथा बाचक रूबी शास्त्री सैफई क्षेत्र के नगला बैश में आयोजित कथा समारोह में भक्तो को दिए। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्त की पुकार सुनकर तुरंत दौड़े चले आते है भक्त प्रहलाद ने 5 वर्ष की उम्र में भगवान के दर्शन ही नहीं किये बल्कि उनका प्रेम भी पाया। ये प्रेम हर किसी के नसीब में नहीं होता इस प्रेम को पाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है भक्त की भगवान परीक्षा भी लेते है ध्रुव को भी परीक्षा देनी पड़ी तभी वो भगवान के हो पाये।
शास्त्री ने कहा कि भगवान को भजने वाला भगवान का हो जाता है भगवान को जब जब उनके भक्तो ने पुकारा वो नंगे पैर दौड़े चले आये। द्रोपदी ने सच्चे मन से भगवान को पुकारा तो त्रिलोकी दौड़े चले आये। भगवान की प्राप्ति की कोई उम्र नही होती। जब भी भगवान को याद करोगे वह दौड़े चले आएंगे। उन्होंने कहा कि अब देश में रामराज्य की जरुरत है और ये तभी सम्भब है जब पेड़ लगाये जाए, बच्चों को संस्कारी शिक्षा मिले, हर घर में गाय पाली जाए जल की बर्बादी रोकी जाए, घरो में हवन पूजन के आयोजन होते रहे तभी रामराज्य सम्भव है।
रिपोर्टर:-सुबोध पाठक