बाल व्यास ने भागवत कथा में निकलवाई कलश यात्रा


 


इटावा/जसवंतनगरः- श्री मद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ क्षेत्र के ग्राम अण्डावली कोकावली में प्रारम्भ हुआ इस अवसर पर बाल ब्यास के निर्देशन में श्रद्धालुओं ने मंगल कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा का कई स्थानों पर लोगों ने स्वागत किया। पहले दिन कथा व्यास ने कलश यात्रा के महत्व के बारे में बताया।


कलश यात्रा की शुरुआत कथा पंडाल से प्रारम्भ हुई उसके बाद नहर का पुल होती हुई जहां से जल लेकर अपने गन्तब्य स्थान पर आकर समाप्त हुई इस दौरान महिला श्रद्धालु पीत वस्त्रों में कलश सिर पर रखकर चलीं। वहीं श्रद्धालु भजनों पर नाचते हुए यात्रा में चले। कलश यात्रा के कथा स्थल पर पहुंचने पर बाल व्यास साध्बी राजनदेवी शास्त्री ने कहा कि हिन्दू रीति के अनुसार जब भी कोई पूजा की जाती है तो उसमें कलश स्थापना अनिवार्य है। क्योंकि जल से भरे कलश को मानव शरीर का प्रतीक माना जाता है। कलश में जल मानव शरीर में आत्मा के समान है। इसीलिए खाली कलश अशुभ माना जाता है। कलश को शांति का संदेश वाहक भी माना जाता है। इस भागवत कथा मे परिश्रित की भूमिकाप्रीतम सिंह , तथा उनके धर्मपत्नी विंदा देवी तथा यज्ञपति रामौतार है इस भगवत कथा की व्यवस्था के लिए गजेन्द्र सिंह, प्रमोद कुमार, भारत सिंह, हाकिम सिंह, मंशाराम, अविनाश प्रधान, रूप सिंह आदि जुटे हुये है। 


रिपोर्टर:- सुबोध पाठक