सोनभद्र:- प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय स्थल में लगातार पशुओं की मौत का सिलसिला जारी है, जिसको रोकने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है. जनपद सोनभद्र में बने गोवंश आश्रय स्थल में विगत 5 महीने के अंदर 124 से अधिक पशुओं की मौत सरकार की व्यवस्था का पोल खोलने के लिए काफी है. जी हां जनपद सोनभद्र में गोवंश आश्रय केंद्र विगत 5 माह पूर्व बनाया गया था, जिसमें नगर के छुट्टा आवारा पशुओं को रखा गया है, लेकिन दुर्व्यवस्था का आलम यह है कि यहां पर लगभग 124 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है।
वहीं पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर ने बताया कि व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन विगत 5 महीने में लगभग 124 वर्षों की मौत हो चुकी है। वर्तमान समय में 175 पशु यहां पर हैं। मौत का कारण है पहले आवारा छुट्टा पशु घूमते थे, लेकिन अब एक जगह पर बंद रख दिए गए हैं तो इसका साइकोलॉजिकल प्रभाव भी पड़ रहा है, जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही है ।साथ ही पालीथिन खाने से भी पशुओं की मौत हुई है। अब काफी हद तक सुधार हो गया है और नगर पालिका और मुख्य चिकित्सा अधिकारी पशु द्वारा लगातार सुधार किए जा रहे हैं ,साथ ही देखरेख के लिए 6 लोगों की ड्यूटी लगा दी गई है सुधार हो रहा है।
सोनभद्र में एकमात्र नगर पालिका परिषद सोनभद्र में जिला पंचायत की जमीन पर 5 माह पूर्व जनवरी 2019 में योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश स्थल का निर्माण नगर पालिका व पशु चिकित्सा अधिकारी की संयुक्त देख-रेख में आवारा पशुओं को रखा गया है लेकिन व्यवस्था का आलम यह है कि 5 महीने में यहां पर लगभग 124 पशुओ की मौत हो चुकी है यानी प्रतिमाह 25 से अधिक पशुओं की मौत हो रही है। अब इसे प्रदेश सरकार द्वारा पशुओं की सुरक्षा व्यवस्था कहा जाए या कुछ और सोचने की बात है।
वहीं पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर ने बताया कि व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन विगत 5 महीने में लगभग 124 वर्षों की मौत हो चुकी है। वर्तमान समय में 175 पशु यहां पर हैं। मौत का कारण है पहले आवारा छुट्टा पशु घूमते थे, लेकिन अब एक जगह पर बंद रख दिए गए हैं तो इसका साइकोलॉजिकल प्रभाव भी पड़ रहा है, जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही है ।साथ ही पालीथिन खाने से भी पशुओं की मौत हुई है। अब काफी हद तक सुधार हो गया है और नगर पालिका और मुख्य चिकित्सा अधिकारी पशु द्वारा लगातार सुधार किए जा रहे हैं ,साथ ही देखरेख के लिए 6 लोगों की ड्यूटी लगा दी गई है सुधार हो रहा है।